Shah طالب अहमद
30 Jul, 2021
झूठी चाल
झूठे सारे नक़ाब है।
नक़ली सारे खिताब है
जिसे पढ़ा तो, मगर समझा ना गया।
वो मनगढ़ंत वाली किताब है।
रद्दी जो हुए तो मालूम हुआ।
हम ज़रूरत तक अच्छे फिर खराब ही खराब है।
Paperwiff
by talib
30 Jul, 2021
झूठी शायरी
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