हमसफर
राह में जब आप हमसफर है। अब भला मंज़िल की किसको फिकर है। मेरी कोई बात मुक़म्मल नहीं। जबतक उनमे होता नही आपका ज़िकर है।

Paperwiff

by talib

28 Dec, 2020

Humsafar, saathi

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