एक अज़नबी शक़्स।
लम्हा था सफ़र हो गया। अजीज़ वो मुझे इस क़दर हो गया। लबों पर आया जो नाम तेरा। लगता है उसी का असर हो गया। इत्मिनान का वो शज़र हो गया। जब करीब से आपका गुज़र हो गया । वो अनजान शक़्स। अजीज़ मुझे इस क़दर हो गया ।

Paperwiff

by talib

01 Dec, 2020

अजनबी, अजीज़ असर।

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