Letter 5

Poetry

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Shah  طالب  अहमद
Shah طالب अहमद 13 Jun, 2020 | 1 min read


तुम्हारा दिल किसी एक पर 

टिकता नहीं ।


तो फ़िर ,

ये भी जान लो ,

इसबार जिसको तोला हैं

 उसका कोई मोल नहीं ।


हाज़िर रहता हैं सदा ,

पर ये बिकता नहीं ।

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Shah طالب अहमद

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