Letter 10

Poetry

Originally published in hi
Reactions 0
684
Shah  طالب  अहमद
Shah طالب अहमद 13 Jun, 2020 | 1 min read

जो सब अपने की थी वो सिफ़ारिश नहीं ।


तो फ़िर 

कल आज

या कल 

अब आपके लिए कोई गुज़ारिश नहीं ।


जब आपके दिल मे गुँजाइश नहीं।

फिर हमें आपका होने की खुवाईश नहीं।


0 likes

Published By

Shah طالب अहमद

talib

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.