Importance of Relative's : रिश्तेदार से मेरा मतलब बिलकुल भी वो नहीं है जैसा आप सोच रहे होंगे की हमारे ऐसे सम्बन्धी जो हमारे समाज में हमारी पहचान बनाते है , में अपने रिश्तेदार में चंद उन रिश्तों की बात करुगा जो आपका साथ निभाते है ,वाहिद आपकी परिस्तिथि नहीं सभी हाल में आपका साथ दे कर और आजकल के जीवन में हम ऐसे रिश्तेदार ढूंढ भी नहीं पाते क्यों ?
क्योकि हम खुद वैसे नहीं बन पाते है , में फिर से अपनी बात को उदहारण के रूप में समझाना चाहूँगा।
Example : जैसा की हम सब ने हमेशा एक दोहा पढ़ा है हमारे पुरातन काल की बात भी है जिसको कबीर दास जी ने बहुत की काम लफ्ज़ो में लिखा था " बुरा जो देखन में चला बुरा न मिलया कोई , जो मन खोजै अपना खुद से बुरा ना कोई " इसी प्रकार आप अगर किसी अच्छे रिश्तेदार की तलाश करना चाहते हो तो खुद एक अच्छा रिश्तेदार बने।
आपकी सोच दूसरो की खोज को पूरा करेगी।
अपने अगले आर्टिकल में हम दोस्तों क रिश्ते की चर्चा करेंगे।
धन्यवाद
shah Talib Ahmed
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