Importance of relationship : अब में रिश्तों के महत्व की बातों पर कुछ रौशनी डालना चाहुँगा , इसमें हम सब को अपने रिश्ते चुनने का हक़ होता है ऐसा सोचने वालो की धारणा से बिकुल भी इत्तेफ़ाक़ नहीं रखता हू, क्योकि हमारे जन्म के साथ ही बहुत सरे रिश्ते भी जन्म ले लेते है , माँ , पिता उन सब रिश्तों में सबसे बहुमूलय होते है और फिर हमारे भाई बहिन और पारवारिक सगे सम्बन्धी , परन्तु ये सब रिश्ते हमे जन्म क साथ एक उपहार स्वरुप मिलते है जिनको हमें जीवन भर निभाना होता है , पर कैसे हम निभा सकते है ? ,उदहारण से समझते है।
Example : अपनी बात को रखते हुए में आपसे पूजनीय गौतम बुद्ध जी की जीवन काल का एक वाकया दे कर शुरू करुगा ,उनके जीवन काल में एक व्यक्ति नशे की अवस्था में उनको हर रोज़ देखते ही गलत बातें करता और अभद्र भाषा का प्रयोग करता था , एक रोज़ जब वो उनसे मिला तो गौतम बुद्ध जी से पूछा की में रोज़ आपके साथ दुर व्यवहार करता हूँ आपको बुरा नहीं लगता , उन्होंने बहुत ही सरलता क साथ एक सवाल किया और वो व्यक्ति उनका शिष्य बन गया।
सवाल : था अगर आपको कोई भेंट देता है और आपको पसंद नहीं अति तो आप क्या करते ?
जवाब : उस व्यक्ति का जवाब भी आपके जवाब की तरह सरल था वापिस कर देता हूँ।
मुझे भी तुम्हारी सभी गलत बात पसंद नहीं आयी और मेने स्वीकार नहीं किया।
इसी प्रकार की सोच से हम अपने रिश्ते को सवार सकते है ,
अगले आर्टिकल में आपको सब्र का उदहारण बताउगा।
धन्यवाद
shah Talib Ahmed
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