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Promise day poetry

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Shah  طالب  अहमद
Shah طالب अहमद 08 Feb, 2020 | 0 mins read

इज़हार

इज़हार का तेरे में इंतज़ार करूँगा।

तेरे इज़हार पर ख़ैरमकदम चूम के तेरा रुख़सार करूँगा ।

तेरी बज़्म में चाहनेवाले और भी होंगे बेशक़।

महज़ में तेरा ज़ाहिर हूँ , आलम में यह इश्तेहार करूँगा ।

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Shah طالب अहमद

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