Hugday
उनकी आमद पे एक कसक हुई ,ऐसा बरसों बाद हुआ ।
वो क़रीब से गुज़री तो अलाहिदा सा जस्बात हुआ।
ग़फ़लत में गुज़र रही थी जो ज़िन्दगी।
Hugday
उनकी आमद पे एक कसक हुई ,ऐसा बरसों बाद हुआ ।
वो क़रीब से गुज़री तो अलाहिदा सा जस्बात हुआ।
ग़फ़लत में गुज़र रही थी जो ज़िन्दगी।
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