क्या ?
क्या प्यार तेरा सिर्फ़ क़लम और सियाही तक गया ।
प्यार...
मेरा प्यार तो बहुत गहराई तक गया ।
बिस्तर की तह से तबाही तक गया ।
कसदन के माजरों से सफ़ाई तक गया
मसले का हल मिला जब मेरी रेहनुमाई तक गया ।
चश्मदीद गवाह हैं उस कमरे का हर पुर्ज़ा ।
Love on board....
क्या प्यार तेरा सिर्फ़ क़लम और सियाही तक गया ।
प्यार...
मेरा प्यार तो बहुत गहराई तक गया ।
बिस्तर की तह से तबाही तक गया ।
कसदन के माजरों से सफ़ाई तक गया
मसले का हल मिला जब मेरी रेहनुमाई तक गया ।
चश्मदीद गवाह हैं उस कमरे का हर पुर्ज़ा ।
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