जिंदगी के पन्ने

अतीत की यादें

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swati roy
swati roy 30 Jun, 2020 | 1 min read


पलटे जो पन्ने जिंदगी के,

कितने ही नज़ारे आंखों के सामने घूम गए

कुछ तो आज भी याद थे,

और कुछ को जाने हम कब का भूल गए


 पन्नों में बसा था मासूम बचपन,

कहीं गुड़िया का ब्याह रचाती सखियां दिखी

तो किसी पन्ने पर लड़कपन में,

दोस्तों से रूठने मनाने की कहानियां दिखी


इक पन्ने पर मुस्कुराता यौवन,

आज भी बाहें फैला कर पुकारता दिखा

लिखी थी जो पहली प्रेम पाती

आज भी उस पन्ने का दिल फड़फड़ाता दिखा


 पलटा जो इक इक पन्ना,

अतीत का हर लम्हा हमें पुकारता हुआ लगा

लिख दे इक और नई कहानी,

वो कोरा पन्ना हमें ये गुहार लगाता हुआ लगा


पलटे जो पन्ने जिंदगी के, 

कोई लम्हा खिलखिलाता तो कोई आसूं बहाता दिखा।


_स्वाति रॉय





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swati roy

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Comments

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  • Sushma Tiwari · 5 years ago last edited 5 years ago

    वाह.. बहुत ही खूबसूरत भाव

  • swati roy · 5 years ago last edited 5 years ago

    शुक्रिया सुषमा जी

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