बोये गए सिद्धांतो के बीज
आशय सुखी जीवन
लदा पेड़ संयम, सब्र, सहनशीलता
सच, कर्मठता, मानवता, नैतिकता के
फलों से |
"पड़ने लगी पत्थरों की मार
ये सांसारिक रीत
जो वृक्ष जितना फलदार"|
पत्थर खाते रहे
दूसरों की संतुष्टि के लिए
फल गिराते रहे
सब्र के पत्ते भी झड़ते चलते गए
अब व्यवहार की कुल्हाड़ी ने
प्रारम्भ किया टहनियों का विनाश,
और टन - टन करती कुल्हाड़ी की आवाज में
विवश मौन सबसे पूछता रहा |
"क्या कलयुग में नैतिक सिद्धांतो की नियति ठूंठ बन जाना है?!
सुरभि शर्मा
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