ठूंठ

क्या कलयुग में नैतिक सिद्धांतो की नियति ठूंठ बन जाना है?!

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Surabhi sharma
Surabhi sharma 07 Apr, 2022 | 1 min read

बोये गए सिद्धांतो के बीज

आशय सुखी जीवन

लदा पेड़ संयम, सब्र, सहनशीलता

सच, कर्मठता, मानवता, नैतिकता के 

फलों से |


"पड़ने लगी पत्थरों की मार 

ये सांसारिक रीत 

जो वृक्ष जितना फलदार"|


पत्थर खाते रहे 

दूसरों की संतुष्टि के लिए 

फल गिराते रहे 

सब्र के पत्ते भी झड़ते चलते गए 


अब व्यवहार की कुल्हाड़ी ने 

प्रारम्भ किया टहनियों का विनाश, 

और टन - टन करती कुल्हाड़ी की आवाज में 

विवश मौन सबसे पूछता रहा |


"क्या कलयुग में नैतिक सिद्धांतो की नियति ठूंठ बन जाना है?!


सुरभि शर्मा

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Surabhi sharma

surabhisharma

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 2 years ago last edited 2 years ago

    संदेशप्रद सृजन

  • Surabhi sharma · 2 years ago last edited 2 years ago

    धन्यवाद

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