पूजे जाते हो पर्वों पर
महफूज रहते हो दुआओं में |
सजाये जाते हो अक्सर
शायरी, कविता और ग़ज़लों में
इन सबसे परे
"शनै :, शनै अधूरेपन से पूर्णत्व प्राप्त करते इक दिन लालिमा में
और फिर धीरे - धीरे पूर्णत्व से शेष होते अधूरेपन को जीते इक दिन कालिमा में"
ए चाँद,
तेरी अपनी भी कोई अनकही कहानी होगी न |
धन्यवाद
सुरभि शर्मा
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