अब भाइयों के आगे पीछे नहीं करना पड़ता
किसी भी काम को करवाने के लिए
होम डिलीवरी ने
लड़कों की जगह ले ली है |
अब कोई बहन किसी बहन की चिरोरी नहीं करती
कि प्लीज मेरी साइंस की कॉपी में चित्र बना दे
मुझे बनानी नहीं आ रही,
किसी बहन को कोई कला ज्यादा अच्छे से आने पर
उनके इठलाने का हक मोबाइल ले उड़ा |
अब दादी - नानी के किस्से कहानियों की पोटली में
न खुल सकने वाली गांठ बाँध दी कार्टून ने |
मम्मी के हाथ के जादुई स्वाद के सीक्रेट्स को यूट्यूब वीडियो ने कैद कर लिए |
किसी दोस्त को अब बुलाने की जरूरत नहीं रही मेहंदी लगवाने के लिए, अब बुआ, चाची, मौसी, भाभियों से सिलाई, कढ़ाई, बुनाई के नमूने नहीं पूछने पड़ते गूगल ने सबको सर्वगुण सम्पन्न बना दिया |
अब जरूरत नहीं रही स्कूल का टाइम खत्म होने पर कुछ समझने पूछने के लिए किसी विशेष टीचर के इंतजार की हमारे पास अब इन्टरनेट गुरु है हर समस्या सुलझाने के लिए |
अब इंतजार नहीं रहता गर्मी की छुट्टियों में कुछ खास कजिन का गोलगप्पे, समोसे की दुकान पर ले जाने के लिए ऑनलाइन फूड डेलीवरी ने आत्मनिर्भर बना दिया हमें |
अब जरूरत नहीं पड़ती जन्मदिन, सालगिरह, को याद रखने के लिए डायरी पेन की, और न मुर्गे की बांग वाली अलार्म घड़ी की, फेसबुक नोटीफिकेशन जिंदाबाद |
अब जरूरत नहीं पड़ती नाम और पैसे कमाने के लिए जल्दी से बड़े हो जाने वाले सपने देखने की पाँच साल के बच्चों के लिए भी टीवी जगत ने शोहरत और दौलत कमाने के रास्ते खोल दिए |
अब हम नियम नहीं बांधते कि लूडो में पिटी गोटी नहीं चल सकते न कैरम में अपनी दो और तीन उँगलियों के करतब दिखा सकते न नजर बचा बेईमानी कर थोड़ी दुनियादारी सीखा पाते कि एक मशीन ने हमें अनुशासित कर दिया अपने नियमों से |
कि अब हम जमीन पर घुटनों के बल बकइयाँ मार चलने सीखने का धैर्य खो चुके अब हम सीधा उड़कर आसमान में पहुँच जाना चाहते हैं बिना ये जाने की वहाँ जीवित रहने को अन्न और छत का बसेरा नहीं है |
हम दुनिया को अपनी मुट्ठी में बंद कर लेने के ख्वाब देखा करते थे मुट्ठी बंद करने की जरूरत नहीं पड़ी उँगलियों की एक छुअन में अब हमने पूरी दुनिया को नाप लिया है |
"सच में दुनिया हमारे लिए कितनी सरल होती जा रही
और मानवीय संवेदनाएं कितनी जटिल" |
सुरभि शर्मा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
हकीकत
शुक्रिया
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