हे नवरूपों की स्वामिनी
हे माँ दुर्गे सिंह वाहिनी||
हे शैलपुत्री, है कुष्मांडा
हे चन्द्रघण्टा, हे ब्रह्मचारिणी
शुभ करणी भय निवारणी ||
हे स्कन्दमाता, कालरात्रि
हे कात्यायनी सिद्धिदात्री ||
हे अम्बे, हे महागौरी
शरण आए माँ
हम सब तोरी |
"जय माता दी" का जयकारा
हर लेता सब कष्ट हमारा |
हे शिवप्रिया, हे शिवअनुगामिनी
हे प्रकृति, अर्द्धनारीश्वर- अर्धांगिनी
हे सुख करणी हे दुःख हरणी
हे माँ शक्ति मंगलकरणी
नेत्र लाल, मस्तक सोहे लाल चुनरिया
तेरी शरण में है ये मन बावरिया |
हे माँ तू ही सारे जग की माता
तू ही सृजना तू ही विधाता
माँ तू ही हर सुख की दाता
जय जय हो माँ तेरी
जय जय, नवराता ||
नवरात्रि की शुभकामनाएं
सुरभि शर्मा
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