प्यार का बंधन - करवा चौथ

रीति - रिवाज प्यार भरे रिश्तों को और मजबूत बनाते हैं |

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Surabhi sharma
Surabhi sharma 21 Oct, 2021 | 1 min read



अव्यान तुम जानते हो न मैं ये व्रत वगैरह मैं विश्वास नहीं करती |और उफ्फ ये भारी - भारी साडियाँ, जेवर, ये सब ताम-झाम, चाँद देख कर पति की आरती उतारना |

हाउ रीडिकूलस!! न बाबा न, आइ कैन नोट डू ऑल दिज़ नौटंकी, यार तुम अपनी माँ को बोल दो मैं नहीं कर पाऊँगी ये सब प्लीज|


पर अन्या माँ को बुरा लगेगा न उनकी भी तो कुछ उम्मीदें हैं तुमसे कितने प्यार से तुम्हारे लिए सरगी की तैयारी कर रही हैं, फिर भाभी भी तो करवा चौथ का व्रत रखती हैं |

अव्यान मेरा भी तो सोचो मुझसे ये भूखा नहीं रहा जाता अभी 15 दिन ही हुए हमारी शादी को आखिर |


पर अन्या! ये देखो मैं तुम्हारे लिए कितनी सुन्दर बिछिया लाया हूँ गिफ्ट में, वाट रविश इससे अच्छा तो कोई फेन्सी ड्रेस ला देते क्या हो गया है तुम्हें? तुम्हें मेरी सोच और च्वोइस पता है न रियली मैं कहाँ फंस गई! पाँव पटकते हुए अन्या अपने कमरे में जा चुकी थी, दो दिन दोनों के बीच खामोशी ने डेरा डाले रखा, |


इस बार का करवा चौथ आ गया अव्यान दिन भर घर से गायब था रात के 9 बजे अव्यान ने डोरबेल बजायी दरवाजा खोलते ही अन्या को दुल्हन के रूप में सजे हुए देख कुछ देर पलके झपकाना भी भूल गया, फिर हैरानी से पूछा तुमने व्रत रखा है क्या पर तुमने तो! अन्या ने प्यार से उसके गले में बाहें डालते हुए कहा अरे मेरे बुद्धू पतिदेव आपको ऐसा लगता है हम दोनों के बीच प्यार बढ़ाने का एक भी मौका मैं हाथ से जाने दूंगी, वो तो मैं आपको बुद्धू बना रही थी और आप तो इतना नाराज हो गए कि मैंने कब रात उठकर सरगी की आपको पता भी नहीं चला और ये बिछिये आप मुझे अपने हाथ से पहना दीजिए ये आपके प्यार का बंधन जो ठहरा बहुत खूबसूरत हैं ये रीति रिवाज जो पति - पत्नी को एक दूसरे के और करीब ले आते हैं |अब चलिए चाँद निकल आया है आपकी आरती उतार लूँ तभी तो आपके चाँद के पेट में जो चूहे दौड़ रहे हैं उन्हें कुछ शांति मिलेगी |


रुको अपनी चाँद को मैं उस चाँद के पास ऐसे ही थोड़े जाने दूँगा ये कहते हुए अव्यान ने अपने चाँद को गोद में उठा लिया और आसमान का चाँद इन्हें देख मुस्कुराता, लजाता फिर बादलों की ओट में छुपने लगा |


धन्यवाद 

सुरभि शर्मा

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