खूबसूरत जिंदगी

जिंदगी बहुत खूबसूरत है बस इसे जीने का तरीका आना चाहिए |

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Surabhi sharma
Surabhi sharma 18 Jun, 2021 | 1 min read

तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है 

 अँधेरों से भी मिल रही रोशनी है |


      एफ एम पे गीत बज रहा था और किशोरवय अमायरा अपनी माँ अतिमा के डायरी के पन्नो को पलटती जा रही थी वो कॉलेज के दिन मौज मस्ती रवि का उसके पीछे पागलों जैसे पड़ा रहना, पढ़ाई, अच्छी जॉब जो बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए खुद छोड़ दी और उसका कोई मलाल भी नहीं रवि से शादी 2 प्यारे प्यारे बच्चे जो अब अपना कैरियर सेट करने में व्यस्त हैं सब कुछ इतना अच्छा तो है उसकी जिन्दगी में लोग रश्क करते हैं उसकी तकदीर देखकर, फिर भी मुझे ये खालीपन सा हर समय क्यूँ घेरे रहता है? क्यूँ हमेशा जिन्दगी में कुछ अधूरा सा लगता है सब कुछ पास होते हुए भी कुछ खोया खोया सा ये अहसास क्यूँ रहता है हमेशा? ऐसा नहीं कि घर में उसके मान सम्मान में कोई कमी है, रवि आज भी मुझ पर जान छिड़कते हैं और मेरे बच्चे उनकी तो दुनिया ही मैं हूँ और मेरी दुनिया वो, फिर भी ये कैसी रिक्तत्‍ता है जीवन में ये कौन सी कसक है जो मुझे कहीं ना कहीं चुभती जा रही है? खुश है मेरा परिवार मुझसे और परिवार खुश तो मुझे तो अपने आप ही बहुत खुश होना चाहिए क्यूँकि एक माँ के लिए अपना परिवार ही तो सब कुछ है पर फिर भी ना जाने क्यूँ - - - - - - - 

                अतिमा 

             23.01.2021


आज गलती से अतिमा ने अपनी डायरी मेज पर ही छोड़ दी थी जो उसकी बेटी अमायरा के हाथ लग गयी और उसने उत्सुकतावश कुछ अंश पढ़ लिए उसके | कॉलेज के लिए देर हो रही थी तो फिर डायरी वहीं रख कॉलेज के लिए निकल गयी |



 कॉलेज में आज उसका मन नहीं लग रहा था, अमायरा तू इतनी उलझी हुई क्यूँ है आज? कॉलेज में उसकी बेस्ट फ्रेंड ईशाना ने पूछा तो उसने अपनी माँ की डायरी में लिखी सारी बातें कह डाली, वैसे तो यार किसी की डायरी नहीं पढ़ते पर चल ये तो पता चला कि माँ खुश नहीं हैं जैसा वो दिखाती हैं कहीं ना कहीं वो टूट रही हैं क्या करूँ यार? उसने ईशाना से पूछा |


   इतनी टेंशन मत ले अमायरा ईशाना ने कहा आंटी के पास उनका मीटाइम नहीं है इसलिए वो इस तरह फील कर रही हैं, देखा है मैंने उन्हे हर पल तुम लोगों में ही उलझे हुए सिर्फ तुम्हारी फरमाइशें और खुशियों के लिए जीते हुए, आंटी का सोशल सर्कल ज़ीरो है, जॉब उन्होंने तुम लोगों के लिए छोड़ दी अब तुम लोग बड़े हो रहे हो और सब व्यस्त भी होते जा रहे हैं तो अब उन्हे खालीपन कचोट रहा है!बस उन्हें कुछ ऐसे काम में व्यस्त कर जो उन्हें खुशी देता हो |


हाँ बात तो तू ठीक कह रही है, ईशाना आज कॉलेज के बाद मेरे घर चल |मम्मी भी तुझे बहुत याद करती हैं आंटी को मैं फोन कर के बोल देती हूँ कि तू मेरे साथ मेरे घर जा रही आज|


कॉलेज के बाद दोनों घर पहुँची ईशाना को देखते ही अतिमा ने खुश होकर गले लगा लिया और कहने लगी |


     अरे ईशाना आओ बेटा बहुत दिनों बाद आयी, हाँ आंटी वो ममा ने आपको किट्टी पार्टी का मेम्बरशिप लेने के लिए रिक्वेस्ट किया है, अरे नहीं बेटा मुझे तो फुर्सत ही नहीं मिलती और ये किट्टी वगे्रह मुझे अच्छी नहीं लगती, पर क्यूँ माँ? अबकी अमायरा ने सवाल किया, बेटा सबकी अपनी पसंद है मुझे किट्टी बस पैसे और समय की बर्बादी लगती है, अच्छा फिर हम जो पिकनिक पे अपने दोस्तों के साथ जाते हैं वो भी तो पैसे और समय की बर्बादी है पापा जो क्लब पार्टी में जाते हैं वो भी तो समय की बर्बादी है फिर आप हमें क्यूँ नहीं रोकती?अरे बेटा तुम लोगों की बात अलग है और मेरी अलग, क्यूँ माँ तुम भी तो हमारी तरह एक इंसान ही हो ना तुम्हारी भी तो कुछ अपनी इच्छायें हैं, अपनी खुशियाँ हैं, रही बात पैसों की तो उसका भी इंतजाम हो गया है, मैंने तुम्हारे हाथ के बुने हुए स्वेटर के लिए ऑनलाइन बिजनेस रजिस्ट्रेशन कर दिया है| अरे पर, पर वर कुछ नहीं जानती मैं अब चलो शौपिंग करने किट्टी के लिए ड्रेस भी तो चाहिए आपको और पापा ने डिनर के लिए भी बाहर ही बोला है आज|अरे पर अमायरा ये सब क्या उलट पलट मचा रही हो तुम? अतिमा ने हैरानी से पूछा तो अमायरा बस मुस्करा दी थोड़ा सा |

**************

कुछ दिनों बाद 


अमायरा थोड़ी मेरी हेल्प कर दे किट्टी के सारी दोस्तों ने मिलकर मेरे बुने हुए स्वेटर की एग्जिबिशन रखी है, और कस्टमर के भी इतने ऑर्डर हैं और तू ये जानती है इस बार किट्टी की तरफ से बेस्ट फ़ैमिली अवार्ड में हमारी फ़ैमिली भी नोमिनेट है, तू सबके आउटफिट की तैयारी कर लेना, अतिमा चह‍कती जा रही थी और अमायरा माँ का खुशियों से लबरेज ये नया चेहरा देख मंत्रमुग्ध थी|


कुछ दिनों बाद अमायरा ने फिर चुपके से अपनी माँ की डायरी पढ़ी तो 

डायरी के पन्ने महक रहे थे इन अल्फाजों से 


"जिन्दगी बहुत खूबसूरत है, बस इसे जीने का तरीका आना चाहिए और जब परिवार साथ देने और समझने वाला हो तो जिन्दगी का सफर और खुशनुमा हो जाता है, समझ गयी हूँ ख़ुद को खुश रखने का राज - - -स्वार्थी होना चाहिए थोड़ा खुद के लिए भी, जीना चाहिए थोड़ा खुद के लिए भी 


           अतिमा 

           23.2021


   मौलिक

सुरभि शर्मा 

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Surabhi sharma

surabhisharma

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    Wahhh.... beautiful 😍

  • Shilpi Goel · 3 years ago last edited 3 years ago

    इतना खूबसूरत लेख।

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    Wahh

  • aawaraa hindi poetry · 3 years ago last edited 3 years ago

    Bahut hi khubsurat

  • sanjita pandey · 3 years ago last edited 3 years ago

    Vah beautiful story

  • Sunita Pawar · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत ही खूबसूरत लिखा😍

  • Surabhi sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    आप सबका शुक्रिया कहानी को सराहने के लिए |

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