आ जिंदगी तुझे गले लगा लूँ - अंतिम भाग

एक कहानी धैर्य की

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Surabhi sharma
Surabhi sharma 03 Dec, 2021 | 1 min read

अब तक आपने पढ़ा की स्वरा अपनी आवाज एक दुर्घटना में खो देती है और वहीं उसे बेस्ट सिंगर का अवार्ड भी मिलता है विपरीत परिस्थितियों के कारण उसके मन में अपनी जिन्दगी ख़त्म करने का विचार आने लगता है |

अब आगे -

पापा मम्मी के कमरे का दरवाजा खोलते ही सामने मम्मी बैठी दिख गयी, स्वरा आ बेटा इधर आ मम्मी भरे मन से स्वरा को अपने पास बुला रही थी तरस गयी थीं अपनी बेटी को गले लगाने के लिए, माँ के आँचल में समाते ही स्वरा के दु खों का सैलाब आँखों से बह पड़ा, मम्मी ने उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा, जिन्दगी में उतार चढ़ाव आते हैं कभी कभी बहुत कठिन परीक्षा देनी पड़ती है इंसान को, हिम्मत रख बेटा, अपने मम्मी पापा की तो जिन्दगी तू ही है |

अब स्वरा क्या बताती उन्हें की वो अपनी जिन्दगी खत्म करने जा रही है, आखिरी बार माँ के सर के गोद में रख सुकून से थोड़ा रो लेना चाहती है, चाय बना लाती हूँ बेटा पी लेगी तो तुझे थोड़ा आराम मिलेगा, सर हिलाकर हल्का सा मुस्कुरा दी स्वरा माँ के हर दुख और परेशानी की दवा चाय होती है, माँ के कमरे के जाते ही उसने अलमारी खोली जहाँ पापा की दवाईयों का डिब्बा रहता था, नींद की गोलियाँ लेने ही तो आई थी वो यहाँ अचानक उसकी नजर उस जगह पर गयी जहाँ मम्मी ने उसकी बचपन की चीजें सहेज कर रखी थी |


उसके द्वारा की गई कुछ पेंटिंग्स, और जैसे ही लाल डिब्बा खोला अपने बचपन में पहुंच गयी |

"स्वरा, स्वरा देखो बेटा पापा क्या लाए आपके लिए?

क्या लाए पापा? पहले अपनी आँखें बंद करो

आँखें खोलने पर घुँघरू की मीठी आवाज से छुन - छुन करती पाजेब उसकी हाथों में थी, मेरी रानी बेटी जब इसे पहन स्टेज पर नृत्य करेगी तो सारी दुनिया उसे देखती रह जाएगी मेरी प्यारी सी गुड़िया को,

पर पापा आपको पता है न मैं सिंगर बनना चाहती हूँ, बेटा मैं सोच रहा था कि तुम बड़ी होकर मेरी डांस क्लास संभालती, नहीं पापा मैं तो सिंगर ही बनना चाहती हुँ वर्ल्ड बेस्ट सिंगर

ठीक है बेटा तू तो हमारी जान है जिसमें तेरी खुशी "

देखा ना पापा आपकी बेटी बेस्ट सिंगर बन गयी कुछ ही पलों के लिए सही पर मैंने अपना सपना साकार कर लिया अब आपकी इच्छा का मान रखने की बारी है, माँ चाय की ट्रे लिए कमरे में आयी तो देखा उनकी प्यारी बेटी पागलों की तरह रोते हुए पाजेब को चूमे जा रही है, आँचल से अपनी आँखे पोंछते हुए बोली की देख चाय के साथ तेरी मन पसंद पनीर सैंडविच भी बना दी है, मुस्कुराते हुए उसने माँ को देखा और पाजेब की छुन छुन का मीठा संगीत सुनाते हुए आँखों से अपनी नयी मंजिल की और इशारा कर दिया |



सुरभि शर्मा 


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Surabhi sharma

surabhisharma

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    भावनात्मक कथा

  • Surabhi sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    शुक्रिया

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