"जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो तो
रात कहेंगे"
व्हाट्सअप पर मैसेज देख न चाहते हुए भी मुस्कुरा पड़ी चाँदनी, ये बिल्कुल नहीं बदला पता नहीं कैसे झेलते होंगे सब इसे इसके घर ये सोचते हुए एक बड़ी सी मुस्कुराहट वाली स्माइलई के साथ तुम कभी नहीं सुधरोगे का जवाब दे दिया |
जाग रही हो अभी तक? तीर की तरह वहां से मैसेज आया, जाग तो तुम भी रहे हो, मैंने भी सवाल पर सवाल किया, जी हमारी तो ये ड्यूटी है वो तो ईश्वर की कृपा है कि बीच समंदर में भी आज नेटवर्क मेहरबान है, वर्ना ये नेवी की ड्यूटी तो समझ ही सकती हैं आप, अब आप बताईये कि आप रजनीगंधा का फूल क्यों बनी हुई हैं, बस ऐसे ही नींद नहीं आ रही थी, चलो अब गुड नाइट के मैसेज के साथ मोबाइल सिरहाने रखने जा ही रही थी कि फिर मैसेज चमका "आज जाने की जिद न करो" पागल कहीं का इस बार बिना जवाब दिए मुस्कुरा कर रह गयी चाँदनी |
आँखों पर हाथ रखकर लेटे हुए यही सोच रही थी कि क्या सच में नाम का असर इंसान की जिन्दगी पर होता है, चाँदनी 14 सालों से सच में चाँदनी की तरह ही तो रात भर जाग कर बिताना ही मेरी नियति बन गयी है | चाँद की चाँदनी को कम से कम दिन में तो सुकून मिलता होगा पर मेरा भाग्य तो दिन में भी मुझसे रूठा रहता है |
भींगी आँखो से धीरे से करवट बदल कर देखा आदित्य गहरी नींद सो रहे थे, उनके थके हुए निश्छल चेहरे को प्यार से चूमने का मन हो आया, पर कहीं इनकी नींद में खलल न पड़ जाए ये सोच के आज फिर से अपने मन को प्यासा ही सुला दिया और अपनी आँखो को बहने के लिए जगा दिया |
जारी
सुरभि शर्मा
सुरभि शर्मा
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत खूब
शुक्रिया
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