Surabhi sharma
Surabhi sharma 22 Jun, 2024
बस कुछ यूं हीं
जब जिंदगी कुछ खफा सी हो और उम्मीदें लापता सी हो खुशियाँ जरा बेवफा सी हों तो दर्पण में एक बार खुद को निहारना खुद को जरा दुलारना अपने मन में जलाना एक दिया हौंसले का और याद करना की "मैं इश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति हूँ मुझे हरगिज हारना नहीं है |"

Paperwiff

by surabhisharma

22 Jun, 2024

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