मेरी माँ ❤

It all about how our mothers struggle her life for ous

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Suhani Chadha
Suhani Chadha 05 Apr, 2022 | 1 min read

मैं तो निरक्षर हूं, तुम पूरी भाषा हो मां

 जिन से मैं थी अनजान तुम वो, अभिलाषा हो मां।


मैं मिट्टी का कण मात्र, तुम ऊंचा पर्वत हो मां

 पृथ्वी की तरह तुम पर निर्भर,ऊर्जा का स्त्रोत तुम हो मां।


 कोयल सी काली में,चमकते हीरे सी हो तुम माँ 

 मैं तो मात्र छंट सी, तुम पूरी कविता हो मां।


हाण मास का पुतला में,जीवन भर्ती उसमें मां

 चोट में मेरी दर्द तुम सहती,कैसे इतनी कोमल हो मां।


 मुश्किलों से जब हार जाती,संभाल सदा देती तुम मां

 कोई भला आने से ही पहले,नजर तुम उतारती मां।


 दुनिया भले ही बड़ी है,मेरा तो संसार तुम हो मां

 ईश्वर की परिभाषा मेरे लिए प्रेम का अर्थ हो तुम माँ।

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