सुन लो रीमा..
तुम्हारे बेटे ने ये जो कारनामा किया है ना, मैं बिल्कुल राजी नही इससे.. "
थोडा अलग तरीके से सोचना होगा राजीव... ऐसा भी कोई गुनाह नही किया प्रेम ही तो किया है और उसी लडकी से शादी करना चाहता है, जबकि आजकल के लडके प्रेम कर कर के छोडते रहते हैं ,शादी अपने अलग ही हिसाब से करते है..!
अरे तो ये उस लड़की के हिसाब से ठीक हुआ ना, हमारे हिसाब से तो सब बिगड गया.. सारे सपने अरमान टूट गये एक झटके में, अपने मिश्रा जी की बेटी पूजा को मैने चुना था, उसके लिए, बचपन से देखा है कितनी संस्कारी बच्ची है..।
"अब ये जो लाने की बोल रहा है, इसका क्या पता.. "
आपको नही पता... उसे तो पता होगा, रोज मिलते हैं, चार साल से साथ हैं, आपस में बनती होगी तभी तो.. "
"पर हमारा क्या.. "
"किस किस को जबाब देंगे कास्ट भी अलग .."
बस.. राजीव, अब कास्ट को बीच मे मत ही लाओ, अब इन्टरकास्ट मैरिज अछूती नही हैं... समाज में..।
"रीमा जब तक हम सही से जान नही लेते उस लडकी को.. हम हां कैसे कर दें.. "
हां ये बात आपकी ठीक है ..मेरी टिकट बुक किजीए, मैं कल ही बैंगलोर जा रही हूं अवि के पास, कुछ दिन वहीं रहूंगी, और रोज उस लड़की से मिलती रहूंगी, करीब से देखूंगी तो सब समझ आयेगा.. "
"मैं भी चलता हूं.. "
नही मैं ही काफी हूं.. अपनी बहू को कैसे देखना है, बखूबी जानती हूं.. "
"तुम.. तुम तो पहले से ही अपने बेटे की साइड हो.."
"नही आप गलत कह रहे हैं... मैं कभी उसकी साइड नही होती, हां, उसकी खुशियों की साइड जरूर होती हूं... आप तो देख रहे हैं बचपन से..। "
"ठीक है जाओ बाबा... पर रिपोर्ट सही देना, वहां की.. "हां.. हां, कहा ना.."" मैं ही काफी हूं... ""।।
©®sonnu Lamba
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
So true
Amazing
Thanks @yashika Mittal
Thanks @mithun
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