मम्मा. ..मैं बोर हो रही हूं. ."
छ: साल की पीहू उदास होकर बोली..!
उदास होने की क्या बात है बेटा.. जो इतने सारे कलर का क्लैक्शन है तुम्हारे पास, उसका क्या करोगी.. कुछ ड्रा कर लो फिर उसमें रंग भरो ..."
"लेकिन मुझसे अच्छा ड्रा नही होता.. "
"कोई नहीं. .अच्छा भी होगा ..धीरे धीरे.. "
"अच्छा एक आइडिया है मेरे पास दोनों मिलकर करते हैं... कुछ माहौल बनाते हैं चित्रकारी का. ."
कैसे.. पीहू ने आंख गोल करते हुए पूछा...
बालकनी में चलो, अपने सारे कलर, पैंसिल और शीट ले आओ ..मैं वहां चटाई बिछाती हूं ,तुम्हारी छोटी वाली मेज रखती हूं. ...वही बैठते है पौधो के साथ ....ताजी हवा भी खा लेंगें कुछ.. "
सुनकर पीहू खुश हो गयी और फटाफट सब सामान ले आयी... अब मम्मा और पीहू दोनों हरे हरे पौधो के साथ बालकनी में खूब सारे रंगो के बीच बैठे थे.. .मम्मी उसके लिए ड्रा कर रही थी...!
अच्छा बताओ बेटा, क्या बनाऊं पहले...
"पहले आसमान. .सूरज. ..पेड. .धरती.. "
इतना सब ,एक साथ चल मैं एक सीनरी बनाती हूं .."
मम्मी ने एक प्राकृतिक दृश्य पीहू का बनाकर दिया, लो अब तुम इसमें रंग भरो ..."
बताओ.. मम्मा किस में कैसा कलर होगा.. आसमान नीला... और... "
नही तुम अपनी कल्पनाओं के रंग भरो ..."
मतलब. .जो मन आये.. जैसा आसमान बनाना चाहती हो, वैसा बनाओ, अपनी पंसद का पेड, फूल, जैसा तुम्हारा मन कहे. ."
रियली मम्मा.."
हां बिटिया.. ."
दोनों मां बेटी फिर खिलखिला उठी. ..!
पीहू कलर करने लगी... ड्रांइग में और मम्मी दूसरा चित्र बनाने लगी.. .!
थोड़ी देर बाद ...
"देखो तो मम्मा... कैसा लग रहा है.. आप हंसोगी तो नही..." क्यों हंसूंगी... दिखा तो, मैं देखूं मेरी गुडिया की कल्पना के रंग... "
अरे वाह... तो पीहू ने सूरज बनाया केसरिया,
आसमान एकदम सफेद ...धरती हरी. ..सभी पेड हरे... "
अरे वाह इसको थोडा सा दूर से देखें तो एकदम तिंरगा लग रहा है. .."
"वाह.. .वन्डरफुल.. "
अब बताओ क्या सोचा तुमने, जब ये कलर चूज किया.. "
यही कि आसमान, सूरज, धरती, पेड पौधे, सब मिलाकर ही तो देश बनता है, और मेरे देश की पहचान तो तिंरगा ही है.. ना मम्मी. .."
"हां बिटिया. ..और ये लिखा क्या है, कोने में.. "
"आई लव माई कन्टरी.. "
वाह! ....सो ब्यूटीफुल... शाबाश.. "
अब देखो.. ये छोटी छोटी चिडियां बनायी हैं, मैने, इनमें भरो रंग.. मैं कुछ खाने को लाती हूं, तुम्हारे लिए ..."
मम्मा वो देखो तितली...
कहां.. "
उस फूल पर.. ."
"कितनी कलरफुल हैं..."
हां बिल्कुल पीहू की बातो की तरह... हंसती हुई मम्मी रसोई में चली गयी ..और पीहू तन्मयता से तितली को देखते रही...!!
©®sonnu Lamba
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Love this❤️
Thank you
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