मैं ड्राइंग कॉपी पर फूल बना रही हूं, पापा साथ बैठे हैं, गर्मियों की दोपहर है, बिजली नहीं है, वे हाथ से पंखा झलते हैं,मम्मी थक कर सो गई हैं, उनकी नींद इतनी गहरी है कि, गर्मी से भी नही टूटती, पापा कभी मम्मी की ओर, कभी मेरी ओर करके पंखा झलते हैं, और बीच बीच में खुद भी ऊंघ लेते हैं, हम तीनों के अलावा उस कमरे में जो पसरा है,
वो सूकून है, ....सूकून ..!
जो गर्मी, सर्दी, बिजली, पंखा, सबसे परे है..।।
✍️sonnu Lamba
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