बेटा दो दिन बाद मालती की बिटिया की शादी है.. कुछ साडियां और गहने, मैं ले आती हूं.. उसके लिए तू चल मेरे साथ बाजार.. पिछले बीस सालो से हमारे घर में काम करती हैं, जब तो उसकी ये बेटी गोद में ही थी,अपना भी फर्ज बनता है..!
चलो मम्मी.. मुझे भी एक हील वाली सैडिंल्स लेनी है उसके लिए.. बिल्कुल मेरी जैसी, उस दिन जब यहां आई थी तो बडे प्यार से मेरे सैंडल उठाकर देख रही थी..। मैने कहा.. पसंद है तो ले लो ,लेकिन उसने लिये नही,
मैं बिल्कुल वैसे ही लाऊंगी उसके लिए..,
आखिर मन तो सबका खिला रहना चाहिए ना मां..!!
©®sonnu Lamba
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