🙏ये जीवन है-१🙏
मेरे मौसा जी....जो अब इस दुनिया मे नही है ,उनसे जुडा ये संस्मरण है ,.... कहते है ना इंसान भला ही चला जाये लेकिन यादे ,बाते ....सब यहीं गूंजती रह जाती है ..।
किसी जमाने मे मौसा जी पहलवानी करते थे लिहाजा खूब दूध ,घी, मेवा खाते रहे....खूब पुष्ट शरीर रहा....गॉव मे वैसे भी खूब दूध घी होता था....खूब काम भी किया......किसान थे...किसान का काम बहुत कठिन होता है....मेहनत वाला !!
आखिरी दिनो मे वे बीमार थे जब मै उनसे मिलने गई थी चलने फिरने मे भी परेशानी थी .....कई बार चक्कर खाके गिर जाते थे....तब उन्होने मुझसे बहुत emotional होके कहा था....बेटा देखो जिस शरीर पर इतना ध्यान दिया आज वही साथ छोड रहा है.....ये बहुत आम सी बात है....देह को तो साथ छोडना ही है ,लेकिन कितना मोह हम देह से लगाते है कि कभी आत्मिक स्तर पर सोच ही नही पाते..!...... और अक्सर जवानी मे जब शरीर मे ताकत होती है कुछ गलतियां भी करते है...किसी को अपने आगे कुछ समझते नही है.....🙏
हमे हमेशा समझना चाहिए कि देह नश्वर है इसका ध्यान रखना चाहिए लेकिन उसके ऊपर घमंड नही करना चाहिए .........।।
Sonnu Lamba
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
संस्मरण का अंत एक सीख दे गया🙏🏻💝
बहुत बढ़िया संस्मरण
थैंक्यू @कुमार संदीप
थैंक्यू @अर्चना जी
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