लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु

कोविड एक बार फिर भयावह हो रहा है, चिंता का विषय है, सचमुच,

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 14 Apr, 2021 | 1 min read
Life Health Covid19

आज तीसरा दिन है, हम बीमार हैं,

दर असल हम मौंसमी फीवर का शिकार हो गये हैं, लेकिन बुखार आजकल इतना डरा रहा है कि जरा गला खराब होते ही, आइसोलेशन की गाइड लाइन जारी की गयी हैं लेकिन इन तीन दिनों में हमनें खूब आइसोलेट रहनें की कोशिश की, लेकिन हो न सका, गृहणी के लिए घर में रहकर आइसोलेशन संभव नहीं, इतना क्यूट मुंह बनाकर कहते हैं घरवाले, चलो आटा तो हमनें बना दिया अगर थोडा आराम है तो रोटियां सेक दो, कि हंसी और आ जाती है, मैं एक दिन सोच रही थी कि किसी की बहू को बुखार हो जाए और वो रोज नियम से पैर छूती रही हो, सासू जी के, और उस दिन ना छूए तो बुरा मान जाये, सासू जी तो..!

कोरोना क्या सोचता होगा इन्नी क्यूट बातों पर,सिर क्यूं नी फोड लेता अपना, साल भर में भी भारतीय परिवारों में लोगो को दूर रहना नहीं आ पाया, फिजीकली, जबकि मन के एक्स रे हों तो तीस प्रतिशत लोग भी जुड़े न मिले... ईमानदारी से और ये जो लोग प्रश्न पूछते हैं ना ,कि रिश्तो को स्वस्थ कैसे बनायें ?

तो ये बहुत बडा विज्ञान नहीं है, आपस में रिश्तों के लेवल पर ईमानदारी बरतें, आपसी समझ विकसित करें, तो कैसे ना हो भला..?

खैर बात कहां से चली कहां आ गयी..?

नव संवत्सर शुरू हो गया, नवरात्र का आज दूसरा दिन है, लेकिन जो अचानक कोविड से देश के हालात बदले हैं, बेहद चिंताजनक है, इस पेनडेमिक ने जहां एक ओर कुछ लोगो को छीना है ,वहीं दूसरी ओर, और ना जाने क्या क्या छीना है, और मौत केवल देह की ही नहीं होती, मरने को कुछ भी मर जाता है, पीड़ा वैसी ही होती है, कोई रिश्ता टूट जाये, कोई आत्मविश्वास छूट जाये और किसी का जिवीका ,रोजगार... छूट जाये, पूछो उससे ,देखो.. क्या क्या गुजरता है उस पर लेकिन फिर भी दुआ यही रहती हैं कि सांसे जुडी रहे, क्योंकि सांसो के साथ आस दोबारा जोडी जा सकती हैं, वक्त भी बहुत बडा मरहम है, गुजर जाता है तो दर्द कम होता है, ।

अरे... ज्यादा गंभीर हो रहा है..!

अब बुखार में हमको तो बचपन का बुखार याद आ रहा है , उस बुखार में भी सूकून था, मम्मी पापा कितना प्यार दुलार और देखभाल करते थे, और एक ये मुआ आजकल का बुखार, एक हजार तो इसके नाम हैं, हजारों रूपयें में इसके टेस्ट होते हैं, तब जाकर दवाई होती है और कोरोना ने तो सारे दुलार ही खत्म कर डाले, आग लगे इस कोरोना को, ये खत्म क्यूं नहीं हो जाता? इसे बद्दुआएं भी नहीं लगती..!

चलिए हम दुआ करते हैं, सबके स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए, दुआएं लग जाएं, बस..!

समस्त विश्व स्वस्थ रहें.. यही कामना और यही प्रार्थना माता रानी से, और डाक्टर और स्टाफ जो एकदम सामने से ऐसे मरीज के सम्पर्क में आते हैं उनकी विशेष रक्षा हो. !

सब लोग अपना ख्याल खुद रखिए,

सावधानी ही बचाव है. .!!


खूब सारी शुभकामनाएं आप सभी को..!

✍️सोनू लंबा 😊

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Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    संदेशपरक

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद

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