भाई दूज

भाईदूज की कहानी

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 16 Nov, 2020 | 1 min read
Life Bhai dooj Love Siblings Family

भाई दूज की कहानी सभी ने सुनी होगी., यमुना और यमराज की कहानी....यम अपनी वयस्तता के चलते अपनी बहन से मिलने जब बहुत दिन तक नही गये तो यमुना खुद ही उनसे मिलने आई....और उन्होने अपने भाई से ये वरदान लिया कि कार्तिक शुक्ल दोज को सब भाई अपनी बहन के घर उससे मिलने जरूर आयें और भाईदूज का ये पवित्र त्यौहार शुरू हुआ ।


ये कहानी आज के दौर मे ज्यादा प्रसांगिक है , जब सभी रिश्ते हासियें पर आ चुके हैं, खासकर बहने जब ससुराल चली जाती है , तो वे केवल भाईयों से थोडा मान और प्यार ही चाहती है और कुछ भी नही.."


रीति - रिवाज के अनुसार तिलक लगाकर भाईयो के लिए मंगल कामना करती हैं, बताने की जरूरत नही कि भारतीय संस्कृति मे तिलक सम्मान का सूचक है, बदले में बहनो को दिए जाने वाले उपहार से भी भाईयो की तरक्की होती है ....बडे बुर्जुग भी यही कहते हैं, और ज्योतिष भी कहता है कि बहन ...बेटी...बुआ को मान सम्मान देने से "बुध " बलवान होता है जो व्यापार ..बुध्दि ...और वाणी का कारक है।


इतनी लम्बी बात का purpose सिर्फ इतना कि festivals कि खूबसूरती रीति-रिवाजो मे ही छुपी है..जरूरत सिर्फ समझने की है ताकि इन त्योहारो की आत्मा कायम रहे..।


शुभकामनाएं...! 

Sonnu☺

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