यदि मैं डॉक्टर होती....
इस विषय पर सोचते सोचते नींद आ गयी और मैं पहुंच गई एक बडे से होस्पीटल में जहां मैं अपनी मम्मी को लेकर गयी हूं और इमरजेंसी में एटेंड कर रहे, लडके से बोल रही हूं, आप जल्दी बुलाइये ना.. डॉक्टर को, देखिए इनको कितनी तकलीफ हो रही है और वो मेरी बात का सही से जबाब ना देकर अपने काम में लगा है, मेरी बेचैनी बढ रही है और मेरी मां की सांस उखड रही है, तभी वहां डाक्टर आते हैं और आते ही एक इंजैक्शन देने की ताकीद करते हैं... इंजैक्शन देकर, बाकी सारी चीजें देखते हैं, मां की सांस अब संयत होने लगी हैं और मेरी बेचैनी कम, फिर वो मेरी तरफ मुखातिब होकर बोलते हैं ,आप घबराइये मत.. "मैं हूं ना.. "।।
उसके बाद मैं एक डॉक्टर के क्लिनिक में जाती हूं, अपने छोटे से बेटे के साथ, इसको बुखार है, तीन दिन से कम नही होता बुखार, मेरा दिल डूबा डूबा है, तीन राते बिना सोये गुजारी हैं मैने, मै डाक्टर से सारी बातें बताती हूं, और वो एक इंजैक्शन देने की बात करते हैं ..."
लेकिन डॉक्टर साहब बहुत दर्द होगा इंजैक्शन से तो.. "
नही आप डरिये मत.. वो रोयेगा नही, आप उधर देखिए बस, मैं आंख बंद कर लेती हूं, डॉक्टर मेरे छोटे से बेटे से बाते कर रहें हैं, मेरे कानो में आवाजे आ रही है और बेटा भी हां.. हे.. हूं... कर रहा है...!
और वो कहते हैं आंख खोल लिजीए मम्मी जी, इंजैक्शन लग चुका है,
लग चुका.. "
"हां, वो तो रोया नही.. "
"हमने रोने नही दिया.. "
अब आप खुश हो जाइये, वक्त से दवाई दीजीए और उसके सोते ही खुद भी सो जाइये, सब ठीक हो जायेगा..! और मैं मुस्कुराने लगती हूं...!
तभी मेरी आंख खुल जाती हैं, सामने लिखा है.." यदि मैं डॉक्टर होती तो..."
तो... ऐसी ही डॉक्टर होती, जिसकी उपस्थिति में मुस्कानें लौट आये... होंसला बंधने लगे...।।
©sonnu Lamba
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
True.
Beautiful
Thanks @vineeta ji
Thanks @induji
Please Login or Create a free account to comment.