यूं तो बचपन और मासूमियत का सीधा सम्बन्ध रहा है हमेशा , लेकिन चार दशक पहले के बचपन में आज के मुकाबले बहुत अधिक मासूमियत थी, तब बच्चे ज्यादा सवाल नहीं पूछते थे, अगर कोई पूछ भी ले तो कोई उनको ज्यादा जवाब देता भी नहीं था,।
अक्सर गांव में तब चोरो की बातें होती थी, जैसे कल फलां जगह चोर आ गये थे, फलाने गाम में चोरी हो गयी, भई...!
इस तरह की बातें बडे लोग करते और हमारे भी कानों में पड़ जाती, अब हमने किसी से नहीं पूछा कि चोर होते कैसे हैं, यही कोई पहली दूसरी कक्षा में होंगें तब, स्कूल एकदम बडा, खुला, हवादार, गांव के बाहर खेतो के बीच था, बच्चे रेसिस होते ही खेतों में भी चले जाते, मैं नहीं जाती थी, थोडा धीर गंभीर स्वभाव था, डर भी था कि कोई डांट ना दे, लेकिन एक दिन मैं चली गयी, दूसरे बच्चों के कहने पर, जरा सी दूर ही गये कि एक खास किस्म की चिडिया जिसके सर पर मुकुट सा था, और लम्बी चोंच जमीन में मिट्टी खोद रही थी, बार बार..!
उसे देखकर मैनें कहा कि मैं तो वापस जा रही हूं, यहां तो चोर है, चोर का नाम सुनकर दो एक बच्चे तो भाग लिये, दो एक, एकदम सीधे तन कर खडे होकर बोले, कहां है चोर?
हमें तो कहीं ना दिख रहा,
सब मेरी ओर देखने लगे,
मैने बहुत कोन्फीडेंस से कहा, अभी तो यहीं था, उड़ गया होगा, दोबारा आ जायेगा, जल्दी चलो,
उन्होनें शब्द पकड लिए," उड़ " उड़ कैसे गया?
इतने में वो चिड़िया फिर आई , मिट्टी खोदनें लगी, मैने तपाक से बोला, ये रहा.. चलो अब..!
फिर क्या..?
सब ठहाका लगाकर हंसने लगे..ये... ये चोर है,
खूब मजाक तो बना ही बना , और उस दिन पहली बार पता चला, चोर तो हमारे जैसे मनुष्य ही होते हैं, ये चिडिया, तोता, कव्वै नहीं .....!
लेकिन आज तक ये पता नहीं चला वो इतनी मासूम इन्फोरमेशन कहां से मिली थी ,जरूर अपने ही जैसे किसी मासूम छोटे बच्चे से डिस्कशन के दौरान मिली होगी, वो घटना, वो जगह, वो चिडियां मुझे आज भी साफ साफ याद है, लेकिन साथ में जो बच्चे थे, वे कौन कौन थे, ये याद नहीं , मस्तिष्क की ग्राह्य शक्ति और स्टोरेज भी अपनी अलग ही धुन में रहता है, जाने कब क्या याद रख ले..!
आपको भी अपने बचपन के ऐसे मासूम किस्से जरूर याद आये होंगें इसे पढकर ,चाहें तो जिक्र किजीए, समीक्षा में,
हां उस चिडिया का नाम शायद कठफोड़वा है.!
कैसी दिखती है ?
तस्वीर ढूंढकर लगाती हूं, गूगल से,
हां, ऐसा सा ही दिखता था..!
✍️सोनू लांबा😊
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत बढ़िया
बहुत खूबसूरत हमेशा की तरह
मुझे तो यह चिड़िया बहुत सुन्दर लगती थी 😍
Thanks to all dear friends, @ avanti ji, charu and shubhangini ji 🌺🌺🌺🌺
Please Login or Create a free account to comment.