मोक्ष

जीवन और उसकी वेदना से मुक्ति कैसे हो..?

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 10 Jul, 2020 | 1 min read
Life Sprituality Moksh Mystery Thoughts Positivity

जन्म और फिर एक अंतराल बाद मृत्यु ।ये अंतराल मतलब उम्र जो हमे मिली जीने के लिए, इसकी अवधि कैसे तय होती है पता नही । लेकिन ये उम्र ही जीवन है । एक से प्रारूप मे दिखाई देता , ये जीवन सबका अलग अलग होता है ।अनगिनत कहानियां खुद मे समेटे । जीवन पर्यंत........ हम जो भी करते है या भोगते है या जीते है, वे छोटे छोटे क्षण जिनमे कभी सुख कभी दुख का एहसास होता है, उन्ही से हमारी सबकी कहानी, हमारी सबकी जीवनी अलग हो जाती है ।


मोक्ष?

मोक्ष क्या है फिर । जन्म से छुटकारा, मृत्यु से छुटकारा या उन दोनो के मध्य अंतराल से। किताबो मे मोक्ष के बारे मे बहुत कुछ लिखा है, अध्यात्मिक गुरु बताते है कि जीवन का उद्देश्य यही है, लेकिन हम संसार मे ऐसे रमे रहते है कि ये बाते केवल सुनते भर है ...! दरअसल जो महसूस ही नही हो पाया उसकी सत्यता का भी क्या पता ।

लेकिन मुझे लगता है , ...अप्रत्यक्ष रूप से हम सब मोक्ष की ही तलाश मे है ।जीवन पर्यंत ......हम जो भी सुख दुख ,निराशा अवसाद या फिर उत्साह व आनंद क्षणो मे जी रहे हैं......वो शाश्वत नही है ।। सुख की तलाश मे कई तरह के दुखो को जब जीना पडता है तो मन मे एक टीस सी उठती है जो अक्सर क्यूं ?  के सवाल के साथ अंतर मे समा जाती है ।।  ये तड़प हमे अक्सर घेर लेती है और हम इससे छुटकारा पाने को भी छटपटाते है ।

बस इस वेदना से मुक्त होना ही मोक्ष है ।कैसे? ? 

पता नही ।

लेकिन चाहते सब यही है ,अवचेतन में,।

कहते चाहे कुछ भी हो ।

✍सोनू 

नमः शिवाय?

(Sonnu Lamba...)

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