देश मेरा...

देश मेरी नजर से... मेरी स्वरचित और मौलिक कविता में..!

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 15 Aug, 2020 | 1 min read
Bharat mata Jai hind Deshprem Country

देश... 

क्या भौगोलिक सीमाओं पर है.. 

या संसद भवन में.. 

सरकार और विपक्ष में बंटा है.. .

या फिर दंगाई फसादियों के बीच सिसकता है..!


कहां है देश.. .

कभी सोचा, एक क्षण इत्मीनान से, 

अगर नही ,तो सोचिए... 

कम से कम आज.. 

जब आजादी पर्व मनाते हुए.. 

हम तिरंगा पहरा रहे हैं.. !


देश... 

सीमा पर खडे सैनिक के सीने में धडकता है.. 

खेतो में काम करते किसानो के पसीने में महकता है.. 

हर क्षेत्र के कर्मठ व्यक्तियों की आंखों में चमकता है. .

और सांस लेता है ,भारत माता की मिट्टी के कण कण में..! 


देश... 

दिल है, धडकन है, जीवन है, 

उसके होने से हम है, हमारे होने से वो है, 

ऐसी पूरकता एक दूसरे की ओर कहीं नहीं है, 

देश हमारा मान, अभिमान, तन, मन और प्राण है..!! 


©sonnu Lamba😊

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Sonnu Lamba

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sumita Sharma · 4 years ago last edited 4 years ago

    Very True

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thanks @sumita ji

  • Babita Kushwaha · 4 years ago last edited 4 years ago

    Nice

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thanks @Babita ji

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