देश...
क्या भौगोलिक सीमाओं पर है..
या संसद भवन में..
सरकार और विपक्ष में बंटा है.. .
या फिर दंगाई फसादियों के बीच सिसकता है..!
कहां है देश.. .
कभी सोचा, एक क्षण इत्मीनान से,
अगर नही ,तो सोचिए...
कम से कम आज..
जब आजादी पर्व मनाते हुए..
हम तिरंगा पहरा रहे हैं.. !
देश...
सीमा पर खडे सैनिक के सीने में धडकता है..
खेतो में काम करते किसानो के पसीने में महकता है..
हर क्षेत्र के कर्मठ व्यक्तियों की आंखों में चमकता है. .
और सांस लेता है ,भारत माता की मिट्टी के कण कण में..!
देश...
दिल है, धडकन है, जीवन है,
उसके होने से हम है, हमारे होने से वो है,
ऐसी पूरकता एक दूसरे की ओर कहीं नहीं है,
देश हमारा मान, अभिमान, तन, मन और प्राण है..!!
©sonnu Lamba😊
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Very True
Thanks @sumita ji
Nice
Thanks @Babita ji
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