भाई-बहन

बहन भाई एक साथ पलते बढते, अपने जीवन का सबसे प्यारा हिस्सा बचपन साथ साथ जीते और शादी के बाद में ,कुछ नेग, रिवाजों की वजह से रिश्तें की खूबसूरती खत्म होती जाती..!

Originally published in hi
Reactions 1
507
Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 31 Jan, 2021 | 1 min read
1000poem

नेग सगुन और आने जाने के उलाहनें छोड....

कभी बहनो की आंखो की नमी महसूस करना भाई..

साडी ..कपडे ,लत्ते..गहने .. पर झूठमूठ लडती वे..

कभी हाथ पकड पास बिठाकर पूछना तो..

क्या बात है...?

क्यूं है इतनी थकी थकी...क्यूं है बौरायी...।

घर - आंगन छोड जाती हैं..छोड जाती बापू और माई भी,

और अपना मन छोड जाती हैं ..मायके के कोने में वहीं,

लेती बलैया ..भतीजी भतीजो की..करती दुआएं कईं..

वार..तीवाहर रिती रिवाज से परे होके देख..कभी, अपनी मां जायी, को ।

ससुराल में कैसे बिखरती और सिमटती है..

कभी कभी फोन पर आवाज सुन...तेरी

हां ठीक हूं ...कहकर ..फूट पडती उसकी रूलाई..

मुंह में चुन्नी ठूंसकर "हैलो हैलो.."बोलती जैसे आवाज नी आई..

वार तीवाहर..रिती रिवाज से परे होके देख कभी बहन को...भाई।।

©®sonnu Lamba


1 likes

Published By

Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.