संभालिए..!!

संभालिए.....! किसे ..? खुद को ही, कैसे..? पढिए..!!

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 29 Apr, 2021 | 1 min read
Breathing Health Selflove

याद किजीए...! 

किसी खुली हवा में कुछ देर बिताकर, किसी बाग बगीचा में आराम से बैठकर या धीरे धीरे टहलकर, प्राणायाम के बाद या फिर मित्रों के साथ कुछ देर ठहाका लगाने के बाद अच्छा अच्छा क्यों महसूस होता है, 


अब थोडा उल्टा सोचिए, जब बेचैनी हो,किसी का इंतजार हो, कोई हर्ट फील हो रहा हो,रोते रोते या किसी अप्रिय याद या मनुष्य की बात छिड़ जाने पर घुटा घुटा सा क्यों महसूस होता हैं, 


सब खेल सांसो का ही तो है, जब सांस आराम से आ रही है, अच्छा महसूस हो रहा है, नहीं आ रही है तो नहीं हो रहा, अब उल्ट लिजीए, जब आप खुद को अपनी पसंदीदा चीजो का, खुली हवा का तोहफा दे रहे हैं तो मन का वातावरण शांत है और सांसे आराम से आ जा रही है, सारा खेल ही प्राण वायु का है और उसे बराबर रखना हमारा ही काम है ,क्योंकि सांस स्वत : ही आती जाती है, हम उस पर कभी ध्यान ही नहीं देते कि वो कहां से आ रही है, गुस्से में या किसी अन्य प्रतिक्रिया में उसका रूप कैसे बिगडा है, पूरी सांस आ भी रही है या नहीं, कहीं फेफडो तक ही तो नहीं आ रही है या नाभि तक जा रही है या नही, ये सबसे जरूरी काम हमें गैरजरूरी लगता है..! 


क्यों... क्योंकि हमारे पास टाइम नही है, बहुत काम है, राजनिति पर नजर रखनी है, हर बात पर त्वरित प्रतिक्रिया देनी है, और भी जाने क्या क्या..!! 


लेकिन आज जब लोग सांसो के लिए जूझ रहे हैं तो हमें अचानक सांसो की फिक्र होती है, तो भी ध्यान हमारा सिलेंडर वाली आक्सीजन की तरफ ज्यादा जा रहा है, कहां मिल रही है, क्यों नहीं मिल रही, कैसे मिलेगी, आदि आदि, 

ये सब बातें इस वक्त जरूरी हैं, उन सभी के लिए जो बीमार हो चले हैं और अभी खुद को साध नही सकते लेकिन जो स्वस्थ हैं, या अस्वस्थ भी हैं लेकिन कम, खुद को संभाल पा रहे हैं तो संभालिए.. !

संभालिए प्राणवायु को, मन की शांति और सांसो की गति पर ध्यान देकर, आराम से बैठकर, लेटकर डीप ब्रीदिंग किजीए, हल्के फुल्के प्राणायाम किजीए, ध्यान,मैडिटेशन किजीए,योगनिद्रा अपनाइये, फोन को साइड रखके किजीए,तो कुछ देर, पानी समय पर सही पीजीए, ऐसी कोई भी खबर ना देखिए जो आपको अन ईजी बनाती है, खुद की सांसो का ख्याल रखिए, स्व मे स्थित होना ही स्वस्थ होना कहलाता है, हम अगर किसी के लिए मुश्किल नहीं बन रहे तो भी हम कुछ कर ही रहे हैं, और किसी भी मुश्किल वक्त में सबसे बडा सहयोग यही होता है कि खुद शांत रहा जाए ताकि माहौल में पैनिक ना हो, और अगर आप अशांत हैं, पैनिक हैं तो भी अनावश्यक रूप से अपनी बेचैनी या गलत खबरें ,अफवाहें ,इधर उधर फौरवर्ड मत किजीए, 

शांति, सांसे, स्वास्थ्य, नेमतें हैं, इनकी कदर करना सीखना ही होगा, इनको खुद में स्थापित करना हमारा पहला कर्तव्य होना चाहिए..!! 


हे प्रभु इस प्रकोप से सबको शांति दीजीए । इस महामारी से मानव जगत को छुटकारा दीजीए प्रभु ।


ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षं शान्ति: पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।

वनस्पतय: शान्तिर्विश्वेदेवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति: सर्वं शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति: सा मा शान्तिरेधि ॥ ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥


ये शांति मंत्र है, सभी जानते हैं, इसको वातावरण में स्थापित किजीए... जाप के द्वारा ।।


✍️सोनू लांबा 


(ये लेख केवल ज्ञान देने के उद्देश्य से नहीं लिखा है, मैं खुद अस्वस्थ हूं, माहौल में भय व्यापत है, हम सब खुद ही खुद को संभाल ले तो बेहतर है , सेहत को हमेशा प्राथमिकता दें जिसमें मन की शांति भी जरूरी हैं, ) 


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Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    🙏🙏🙏

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    थैंक्यू

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