एक लडकी भीगी भागी सी...

खूबसूरत इत्तेफाक... बरसात में...

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 22 Jul, 2020 | 1 min read

एक लडकी भीगी भागी सी... 

सोई रातो में जागी सी... 

मिली एक अजनबी से.. 

कोई आगे ना पीछे... 

तुम ही कहो कोई बात है.. ..!


किशोर की आवाज का जादू.. भीगा भीगा सा ये मौसम.. हाथ मे कॉफी का कप... सामने बडी सी खिडकी, उसमें से दिखती सडक और पार्क... भीगे भीगे पेड हवा में हिलती उनकी टहनियाँ... मानो कोई लडकी अपने भीगे बाल से पानी झटक रही हो...!


ये सब कितना रोमेटिंक है ना... श्रुति ने फोन पर कहा.. "

"खाक रोमेटिंक है... ना साथ में कोई कॉफी पीने वाली, ना कॉफी बनाने वाली,ना कोई भीग बाल झटकने वाली... "

सलभ शिकायती लहजे में बोला...! 


"ओह मिस्टर आपको बहुत सारी वालियां चाहिए... ऐसा कैसे चलेगा.. "


अरे हम तो एक से भी काम चला लेगें...काश ! कभी ये जादू अपने साथ भी होता कि मुंह से अचानक ही ये गीत निकलता एक लडकी भीगी भागी सी...! 


अच्छा सामने पार्क में देखो, शायद कोई सरफिरी भीग रही हो .."


अरे चार घंटे से बारिश हो रही है.. अब तो कोई बच्चा भी नही वहां, कुछ देर पहले कुछ बच्चे बारिश में नहा जरूर रहे थे.. "

"अरे क्या पता हो.. "किसी पेड की आड में.. "


अरे क्यों फिरकी ले रही हो... सुबह से कोई मिला नही, तुमने देखा कभी किसी लडकी को अकेले पार्क में भीगते हुए.. "


"क्या पता कोई तुम्हारे लिए ही... "


टीं टींटीं... एक लम्बी बीप सुनने लगी, अचानक फोन कट गया, दोबारा मिलाया तो मिला ही नही.. फिर ट्राई किया ...नोट रिचेबल.. ये श्रुति भी ना.. "


इतने रोमैटिंक मौसम में एक भी बात ढंग की नही की और अब फोन को पता नही कहां छुपा कर रख दिया.. "


अनमने मन से बाहर पार्क में देखने लगा.. बारिश.. पेड.. बूंदे.. हवा, सब कितना सुन्दर था और श्रुति की बातें अभी भी खनक रही थी कान में... तभी सामने गुलाबी सूट में एक लडकी, एक पेड के पास नजर आयी, दूर से साफ नजर नही आ रहा था, कौन है... शायद झुककर कुछ उठाने की कोशिश कर रही थी.. "।


चलकर देखूं क्या.. "

वो बडबडाया... "

कहीं किसी समस्या में ना हो... मन तो वैसे भी लग नही रहा, यहां बैठे बैठे, बारिश ना होती तो आज इस वक्त कॉलेज में होता.. "


और वो सोचता सोचता, नींचे सीढियां उतरकर पार्क के गेट पर था... धीरे धीरे उधर ही जाने लगा, लड़की की पीठ उसकी ओर थी, थोडी घबराहट भी थी, जाने क्या सोचेगी, उसके बारे में.. "।


क्या सोचेगी..? 

पूछ लूंगा, सीधे कोई परेशानी है क्या.. "


जैसे ही वह थोडा पास पहुंचा और एक्सक्यूज मी ,बोलने ही वाला था... वो लडकी पलट गयी, उसकी ओर ही, 

"अरे... तुम.. यहां... भीगी हुई... इतना... "

अचानक मिली इस खुशी से वो कितना कुछ टूटा फूटा बोल गया... उत्साह में.. "


और वो केवल मुस्कुराती रही.. भीगे बाल,गुलाबी दुपट्टा, और हल्की सी गुलाबी लिपस्टिक और आसमान से पड़ती फुहारें.. "

अब कुछ बोलो तो... तुम यहां कैसे श्रुति.. "

बोलूंगी बोलूंगी... अब तो तुम ये गा सकते हो ना... एक लडकी भीगी भागी सी... "


हां.. हां, क्यों नही..? 


और वो गुनगुनाने लगा.. "


अब बोलो... और चलो रूम पर.. बहुत भीग गयी हो.. कॉफी पिलाता हूं.. "


चलो फिर... वहीं बताती हूं.. "


और दोनो सलभ के रूम पर आ गये..। 


"लो बाल पोंछ लो... सलभ तौलिया देते हुए बोला.. "


"झटक ना दूं बाल... तुम्हें चाहिए थी ना बाल झटकने वाली."


चुपचाप पोंछो और बताओ, तब तक मैं कॉफी बनाता हूं.. "


मैं कॉलेज गयी थी, वहां कोई आया ही नही था आज, बारिश कम होते ही वहां से निकली तो तुमसे बात करने लगी और तुम्हारी ख्वाहिशें सुनती सुनती..अपने घर की ओर ना जाकर इधर तुम्हारे पार्क की ओर आ गयी... कि मिलती चलूं.. "

तभी मेरा फोन वहां पार्क में हाथ से गिर गया... वैसे भी वो भीग तो गया ही था.. और एकदम बंद हो गया... "

"और फिर तुम वहां आ गये.. "

"और तुम्हारे लिए हो गया... सरप्राइज "


"पगली.. "और जो मैं ना आता वहां तो.. "


तो क्या..! 

घंटी बजती तुम्हारे दरवाजे की और मैं पूछती मिस्टर सलभ हैं क्या..? 

मुझे उनसे कुछ नोटस लेने हैं.. "


"तुम भी ना... श्रुति.. "

"लो कॉफी पीयो गरमागरम.. "

आज वाकई मौसम बडा रोमेंटिक है.. सलभ ने उसकी आंखो में झांका..और उसका पूरा चेहरा गुलाबी हो गया.. "



एफ एम पर इस वक्त गाना बज रहा था...


" दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके चुपके.... ""।।


©®sonnu Lamba 


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