उदास हैं खिलौनें,
हाथ.. जिनके छूने से,
उन्हें सांस आती थी,
वो मोबाइल पर जा लगे हैं..!
जिनके साथ,
वो खेलते, खिलखिलाते थे,
लडते झगडते और टूट भी जाते थे,
साथी..वो सभी
मोबाइल पर गेम खेल रहे हैं..!
जाने कैसे..
गेंद- बल्ला , गिल्ली -डंडा,
कंचे - गोली, लूडो -गोटी,
कैरम बोर्ड, और सुपर हीरो,
सब छ: इंच की ,
मोबाइल स्क्रीन में जा घुसे हैं..।
खिलौनें उदास हैं,
उनकी महफिलें वीरान हैं,
उनके सभी जिगरी दोस्त खो गये हैं..।।
©®sonnu Lamba
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
सच....
Thank you charu
आपकी कलम को बारम्बार नमन🙏✍️
थैंक्यू संदीप
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