अल्हड नदी सी सलोनी गांव भर में इठलाती फिरती थी, अम्मा कहती तू कभी अपना पैर ना रोक सके..बच्चो में बच्ची बनी रहती है...हरपल। क्या अम्मा सारी जिंदगी पडी है..सिरीयस होके बैठने को...अभी तो मैं उडना चाहती हूं..दौडना चाहती हूं...नाचना चाहती हूं....जिंदगी की आंखो में ,अपने सपने सजाना चाहती हूं..!
"आसमानो से बातें करूं...उडती जाऊं ..."
"कोई ना रोके मेरी उडान ..."
"सुन रही हो ना अम्मा......"
सलोनी लाडो,.. तेरा यही अल्हडपन तो मुझे चिंता में डाल देता हैं...बडी होती लडकी के लिए सबकी नजर बदल जावे ,बेटा।
"अम्मा...काहे डरती हो इतना...लोगो के डर से कोई जीना छोड दें हैं क्या..।"
चल बैठ अम्मा ..आज मैं तुम्हे चाय पिलाती हूं..प्योर दूध की गाढी चाय बिल्कुल जैसी तुम्हे पसंद है..।
खिलखिलिती हुई सलोनी चूल्हा जलाने लगी... और अम्मा फिर सोच में पड गई ..रोज रोज टीवी मे दिखाते हैं..अखबारो मे भी...कितनी खबर आती है..नुक्कड पर भी यही चर्चे थे कल ...छोटी छोटी बच्चियों को भी ना छोडते आजकल ।
अम्मा ...फिर सोच में पडी गई हो.... सीखो मुझसे खुश रहना ..हवा की तरह बहना...।
लो चाय .....और स्वाद ले लेके पीओ।
"अरे मै तो बताना ही भूल गई अम्मा..
स्कूल मे लडकियो को ट्रेनिंग दी जायेगी अब से..जूडो कराटे की.."
एक्सपर्ट बतायेंगें कि अपनी रक्षा कैसे करें..अगर कभी कोई जानवर परेशान करने लगे तो..।
पर बेटा जानवर तो किसी से कुछ नी कहते ..यूं बिन बात..।
अम्मा...वो इंसानो के खोल में जानवरो से भी बदतर हैं..जो लडकियों से छेडखानी करते हैं....।
उन्हे जानवर कहना ..जानवरो का भी अपमान हैं।
सच कहती हो ,अम्मा...भगवान के बनाये जानवर तो किसी को कुछ नही कहते ।
@सोनू लाम्बा
sonnu Lamba...☺
कहानी छोटी है ...लेकिन संदेश बडा है...बेटियों को सुरक्षित कैसे करें..उनको सशक्त कैसे बनायें ताकि वो अपनी.रक्षा खुद कर सकें..आप के पास भी जरूर कुछ आईडियाज होंगे...कमैंट में बतायें पिलीज..।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
वाकई में संदेशपरक कहानी है।
Thanks @preeti ji
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