सौगात

जीवन का खेल दर्शाती एक छोटी कविता

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 12 Sep, 2021 | 1 min read
Feelings Life Hard time

अपनी अपनी दुविधा सबकी ,

अपनी अपनी बात,

हर रात के बाद आता दिन,

हर दिन के बाद होती रात,

सुख दुख आंख मिचौली खेले,

कुछ भी न रहता कभी साथ,

फिर भी दम साधें हम करते,

खुशियों का इंतजार ,

जीवन पहेलियां हैं बुझाता ,

यूं ही दिन रात ... ।


धूप छांव सी दुविधाएं बिछातीं ,

पल पल नईं बिसात ,

जीत हार का खेल नही है ये,

मन समझें ना ये बात,

हारता मन भी बुनता है ,

बार बार जीत के ख़्यालात ...!

अलग अलग हैं दुविधा सबकी ,

छिपी छिपी हैं दर्द की सौगात ।।


©®sonnu lamba

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Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

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  • Kamlesh Vajpeyi · 3 years ago last edited 3 years ago

    सुन्दर रचना

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thank you ji

  • Vinita Tomar · 3 years ago last edited 3 years ago

    Nice

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    थैंक्यू सो मच

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