मेरी कोमल भावनाओं पर जब जब वज्रपात हुआ,
मैने रोते, झीकंते, तब तब की शिकायतें,
लेकिन सुनवाई में मुझे कहा गया,
तुम समझदार हो...
तुम्हें समझना चाहिए...
तुम्हें समझने चाहिए, वक्त और हालात..
तुम्हें समझना चाहिए, हर एक जज़्बात...
फिर शिकायतें कैसी और क्यों...?
समझ लेने के बाद समझौता और स्वीकार्यता,
इसके अलावा नही बचता कोई रास्ता...!
कोई रास्ता जिस पर चलकर सुकून हो,
कोई साथ चलता हो बतियाते हुए
और मन हल्का हो जाता हो...
या फिर जैसे को तैसा जैसा क्रियाकलाप कोई..
जो मन की छटपटाहट कम कर देता हो..
नही बचता कोई रास्ता...
हर रास्ते पर समझदारी की तख्ती लगी होती हैं..
सहो ...कि तुम समझदार हो..
और हां, सुनो... मुस्कुराना भी है, हर हाल में,
समझदार लोग ,कहीं ना कहीं घुटे रहते हैं..
ये संदेश नही जाना चाहिए दुनिया के बीच..!!
Sonnu Lamba
सोनू /16nov.2020
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Bahut badhiya❤️
भावपूर्ण सृजन
धन्यवाद @शुभांगिनी जी
Thank you @archana ji
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