नाम का किन्नर था, वो, देह से पुरूष भी और स्त्री भी,
लेकिन पहनावा उसने अपने लिए, स्त्री का ही चुना था।
ममता उसके भीतर पल पल हिलोरे मारती थी.. संगी साथी उसका मजाक उडाते, अरे मां थोडे ही हो जायेगा तू..!
बस बधाई में नाच गाना ही कर, यही हमारी किस्मत है,
और यही हमारी जीविका..!
इससे ज्यादा का भी, क्या सपना...?
लेकिन वो नही माना,..!
आज वो कोर्ट में एक अनाथ बच्चे को
गोद लेने की अर्जी लगाने आया था ...!!
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
वाह, बहुत सुन्दर
Thank you
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