साल २०२०...!
पूरा विश्व त्रस्त हो गया, चारो ओर हाहाकार, चारो ओर से नकारात्मक खबरें आने लगी, लोग असहाय से हो गए एक अदने से वायरस के आगे, आए दिन एक दूसरे पर आंखे तरेरने वाले, आदमी को आदमी ना समझने वाले, लोग भी बेबस नजर आए..!
ये प्रकृति का दिया हुआ सबक ही तो है.. कि तुम आज भी तुच्छ हो, ज्यादा अहंकारी होना ठीक नहीं, अपनी हदें पहचानों और यूं प्राकृतिक संसाधनो का दोहन ना करो ..!
फिर आती है आम इंसान की बारी जो हमेशा से ही नेक नियति और हदो में ही जीता है, भुगतना उसे भी बहुत पड़ा, अपनो का स्वास्थ्य, कुछ लोगो का बीमारी से चले जाना, कुछ का बेरोजगार हो जाना, पलायन और...!
और वही सब जो जिंदगी में हमेशा ही चलता रहता है, सुख दुःख, जिससे हम बचना भी चाहते हैं, सहते भी हैं और मजबूत भी बनते हैं ।
हां, हम विचलित हुए, बहुत ज्यादा विचलित हुए, घरो में बंद हुए और एक दूसरे से सामाजिक दूरी के चलते मानसिक और सामाजिक रूप से अलग थलग भी पडें ,
लेकिन सीखे...
सीखें कि दूर से हाथ कैसे थामना है,?
छोटे से छोटा कर्मचारी भी समाज का कितना महत्वपूर्ण अंग है, मिल जुलकर रहना, त्यौहार मनाना कितनी खुशी देता है और छोटी छोटी पारिवारिक बचत भी समय पर कैसे काम आती हैं ? परिवार की धुरी आज भी गृहिणी है ,औरतें ही हैं,जो सब कुछ संभालती हैं, विपरीत परिस्थितियों में भी,।
अन्न का कितना महत्व है ?
और खेती की जीवन में क्या उपयोगिता है !
सोशल मीडिया तथा इन्टरनेट का सदुपयोग कैसे किया जा सकता है ? बुजुर्गों का ख्याल कैसे रखना है ? और बच्चो के लिए स्कूल जाना भी जरूरी है ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो, ये सब चीज़ तब महसूस हुई जब ये हमसे छिन गयी, और सबसे बडी चीज की समय की कीमत खुशी ही है, घर परिवार के बीच समय बिताना कितना जरूरी है, अंधाधुंध दौड हमेशा बैचेनी देती है और सहजता छीन लेती हैं..!
इतनी सारी सीख जो हमें मिली हैं इस साल ये ही बदलाव है, बदलाव भौतिकता की दौड से निकलकर आध्यात्मिकता की ओर बढना और जीवन की छोटी छोटी खुशियों को जीना ,स्वास्थ्य का ध्यान रखना, और मानवीय मूल्यों की ओर लौटना ।
योजना ये है 2021 के लिए कि कोई योजना नही हैं, बस प्रकृति के साथ तारतम्य बनाकर चलना है, जीवन के प्रवाह में बहना है, स्वीकार भाव के साथ, कृतज्ञता से भरकर, ।
हां , मैं सुरक्षित हूं तभी तो ये बदलाव मेरे भीतर घटित हो रहा है, मैं कृतज्ञ हूं कि मेरे सभी परिवार जन भी सुरक्षित हैं, हां बहुत कुछ टूटा है और छूटा है जिसे फिर बना लेंगें लेकिन कृतज्ञता बोध कम नहीं होने देंगें,जिन लोगो नें इस महामारी में अपने परिवार जन खोयें है,उनके लिए दिली संवेदना और प्रार्थना है कि उनके घाव जल्द भरे और वे जीवन की स्वाभाविक गति में लौट सकें, ।
बाकी, यूं मायूस होकर खोयी चीजों का गम नही मनायेंगें कि २०२१ हमसे कहे ..
स्वागत नही करोगे हमारा..!!
©®sonnu Lamba
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Sahi aur bahut acha likha. Bita saal bahut mushkil bhara tha par bahut kuchh sikha Gaya. Happy new year
बहुत बढ़िया और सत्य
थैंक्यू दोस्तों और सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं 🌹🌹
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