आजादी

आजादी का वास्तव में मतलब वही जान पाता है जो कभी कैद रहा हो, गुलाम रहा हो...!

Originally published in hi
❤️ 1
💬 0
👁 706
Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 26 Apr, 2021 | 1 min read
Summershortstoriea

उस चारदीवारी के भीतर बहुत चालाकी से कैद कर लिया था मुझे उसने ...वहां बाहर से कोई रोशनी की किरण ही नही आती ...मेरा मन वहां से भागता ,कोई दरवाजा ,खिडकी ढूंढता लेकिन नही मिलता ..मैने बहुत ही युक्ति से एक रोशनदान खोजा ,मैं उस रोशनदान तक बहुत मशक्कत से पहुंचा और बाहर की ओर झांका ..बाहर सडक पर बहुत लोग आ जा रहे थे ..लेकिन कोई मुझे देख नही पा रहा था ..मैं आवाज देना चाहता था लेकिन हलक से आवाज निकलती ही नही थी ,मैने पूरी जान लगाकर बोलना चाहा तो लगा जैसे किसी ने मुझे अपनी मुट्ठी में जकड लिया है ..अब मेरा दम घुट रहा था ..मैं रोशनदान सहित छोटा होता जा रहा था ..सिकुडता जा रहा था ..ये क्या मुझे सांस आनी ही बंद हो रही थी ..."

और मैं अपनी पूरी ताकत लगा एक झटके से उठ बैठा .."

इतनी सर्दी में भी पसीने से तरबतर ...ये कैसा सपना था ?

इतना डरावना ..कैद ..गुलामी जैसा ..."

मैने एक गहरी लम्बी सांस ली और पाया कि आजादी कितनी कीमती है और गुलामी सपने में भी दमघोटू ..।।

©sonnulamba


1 likes

Support Sonnu Lamba

Please login to support the author.

Published By

Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.