वे देवदूत जैसे लग रहे हैं. .
ऊपर से नीचे तक ढके
मोटे मोटे पीपीई सूट पहने ..!
कितना सफोकेशन हो रहा होगा..
भीतर ही भीतर उनको...
मन करता होगा...
निकाल फेंकें , सब तामझाम..
और खुलकर लें एक लम्बी गहरी सांस.. !
लेकिन सामने बैड पर..
किसी मरीज की उखडती सांस को
संभालना ज्यादा जरूरी होता है..तब !
इसलिए उनकी सांसो का आक्सीजन..
बन गयी हैं...उन मरीजो की मुस्कानें
जो अस्पताल से ठीक होकर जा रहे हैं ..!
हां... ये एक कठिन वक्त है... ऐसा वक्त
जब बिना हाथ थामे ही.. उनको...
हाथो से छूटते हाथो को संभालना है... .!!
(#Gratitude_to_all_health_workers 🙏 )
©Sonnu Lamba
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
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Very nice
Sundar👍👍
Thanks @vineeta dhiman
Thanks @neha Srivastava
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