अपनी मीठी बोली से
हमेशा जो लुभाती रही
वो कोयल ...,
दिखती थी एकदम काली,
किसी से नहीं सुना मैने कभी
कि कोई बोला हो,
ये सफेद होती तो ज्यादा अच्छा बोलती..!!
लेकिन लड़कियों में ये भेद हमेशा ही बना रहा,
कर्मजली कलमुंही तुझसे कौन करेगा, ब्याह,
कुछ तो शऊर सीख ले, ऊपर से रंग भी है तेरा दबा..!
कौन करेगा..?
क्योंकि उसको जो चुनेगा,
उस पर एहसान करेगा जैसे,
वो खुद नहीं चुन सकती अपना वर,
और तमाम योग्यताओं के होते हुए भी,
जरूरी है उसके लिए होना सुंदर..!!
जाने कब से सुंदरता,
गोरे रंग का पर्याय हो गयी,
मिट्टी से जुड़े, धूप में तपते, मेरे देश में,
ये भेदभाव छलनी करता रहा है ,
लड़कियों के निश्छल मनों को . .!!
बंद भी करो अब ये मिथ्या चार,
काले गोरे का भेद बनाकर,
मत चमकाओं अपना व्यापार,
जलवायु, भूगोल और डी एन ए,
मिलकर करते हैं नस्लें तैयार ....
काला, गोरा, लम्बा, नाटा...
सब हमारे ही हैं,हथियार ..
जिनसे हम करते रहते बेतुके वार.. !!
©®sonnu Lamba
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Nice write up
Thank you deepali
बेहतरीन
Thank you ruchika
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