आया है मुझे फिर याद वो जालिम....

गीत समीक्षा... 😊🎧

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 15 Oct, 2020 | 1 min read
Culture Childhood Lyrics Reiview Music Meri pasand

महसूस होता है कि वक्त के रीते घडे से कोई धुन वापस लौटकर आ रही है एक टीस साथ लेकर.. जो गीत के कुछ बोलो से बरबस ही पकडकर बांध ली है संगीतकार ने , लेकिन ना धुन का सूनापन गया, ना ही मन का और मन की उसी छटपटाहट को मुकेश जी अपनी सदाबहार आवाज में उतार लाये हैं... गाते हुए... "

हाय रे अकेला छोडकर जाना, 

और ना आना बचपन का. ..

आया है मुझे फिर याद वो ज़ालिम

गुज़रा ज़माना बचपन का.....।।


जिसके लौटकर आने की संभावनाएं ही खत्म हो जाती हैं, उसकी यादो में भी ,एक अलग ही तडप शामिल होती है, और ये तो बात ही गुजरे वक्त की है , जो कभी लौटा ही नही. ..लेकिन सौगातो में कुछ सुनहरे लम्हे दे गया है, याद करने को ..."

वो खेल, वो साथी, वो झूले

वो दौड़ के कहना, आ छू ले ...।

हम आज तलक भी ना भूले वो 

ख्वाब सुहाना बचपन का....।


हम आज तलक भी ना भूले ...कौन भूल सकता है, भला इतने कोमल एहसासो को, मन की जमीन पर बिछी मखमली सी दूब है ये बचपन के खेल. .और साथ खेलते संगी साथियों से दिन पे दिन गाढा होता स्नेह, जिसे मासूम मन ना जान पाता, ना पहचान पाता.... "


इस की सब को पहचान नहीं 

ये दो दिन का मेहमान नहीं ...

मुश्किल है बहोत आसान नहीं ये 

प्यार भूलाना बचपन का...!!


प्यार का एहसास ही इतना अनूठा होता है कि उसे याद ही नही रखना पड़ता वो खुदबखुद यादो में दिल की तरह धडकता रहता है ..फिर बचपन का प्यार भूलाना आसान कैसे हो सकता है... इसी विवशता के आगे, आंखे भर भर आती हैं, जब बीते दिनों की यादें बेमौसम की बरसातो सी आती हैं.. ."


मिलकर रोयें, फ़रियाद करें

उन बीते दिनों की याद करें..

ऐ काश कहीं, मिल जाये कोई जो 

मीत पुराना बचपन का.....!!


ऐ काश, कहीं मिल जाए.. कोई मीत पुराना बचपन का. ." ये एक चाह है, दुआ है , टीस है....और पुकार है.. .काश.. .!!


किसी शाम कहीं दूर से आती आवाजों में ये गीत अगर कान में पड जाये तो आप ठिठके बिना रह ही नही सकते.. "

ठिठक ....दौड़ते भागते वक्त से.. . दौड़ती कल्पती जिंदगी में बचपन से आती किसी पुकार की अवहेलना ...कौन कर सका है भला...।। 


(आनंद बक्षी जी के बोलो को संगीत में पिरोया है रोशन जी ने और मुकेश जी ने अपनी कालजयी आवाज से दर्द में भी मधुरता भर दी है.. फिल्म देवर के इस गीत में परदे पर हैं, धर्मेंदर और शर्मीला जी..) 

(कालजयीगीत 1 ...मेरीपसंद)

©®Sonnulamba


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Sonnu Lamba

sonnulamba

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Aradhana Singh · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत सुंदर♥️

  • R.Goldenink · 4 years ago last edited 4 years ago

    I love this series of yours..😍

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