जब से दिल की दर्द से पहचान हो गई....
आंखो की नींदें भी मेहमान हो गई !
☺☺
न जाने कहां जाके बरसता है बादल..
मेरी हस्ती तो धूप से बेजान हो गई !
☺☺
पलके भी ना रोक पायी आंखो के समन्दर...
यादो की गति जब तूफान हो गई !
☺☺
जिंदा दिखते हैं हम ,मगर जीते नही...
उदास आंखो से हालत ये बयान हो गई !
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दिल बसा है क्यूं उसी कूचे मे " सोनू'..
जिसकी दीवारे भी तेरे वजूद से अनजान हो गई!!
😊(sonnu Lamba)
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