मेरे राम...

उन्होने अपने हर रूप में आदर्श स्थापित किया.. मानव रूप में रहकर आदर्श जीवन.. यही सनातन का जीवन दर्शन है..। हर भारतीय अभी भी मन ही मन इन्ही आदर्शो को चाहता है..

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 06 Aug, 2020 | 1 min read
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मेरे राम.... 

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राम से मेरा परिचय तो शिशु अवस्था में ही हो गया होगा.. कब, कैसे... मुझे याद नही, लेकिन भरोसा है कि जिन राम जी के नाम पर हम, हमेशा दशहरा दीवाली मनाते रहे हैं.. उनको देश के बच्चे ना जाने, ऐसा हो ही नही सकता..।


लेकिन रामायण की कहानी क्रमबद्ध तरीके से रामानन्द सागर की रामायण से, ही समझ आयी.. तब गांव में बिजली भी सही से नही आती थी.. टीवी भी इक्का दुक्का घर में ही होते थे, इसलिए उसके ऐपिसोड भी छूट जाते थे.. हम छोटे भी बहुत थे तब.. लेकिन रूचि उसमे बरकरार थी..। 


फिर तो जगह जगह राम जी के बारे में सुनते रहे, समझते रहे.. सोचते रहे.. अयोध्या जी कभी नही गये लेकिन उसका परिचय रामजन्मभूमि के नाम से हमेशा जेहेन में रहा..। 


राम जी की कहानी में जो आदर्श हैं.. वो सही मायने में आदर्श हैं.. वो मन को इतना भाते हैं कि 

*भाई हो तो ऐसा..चारो भाइयों में इतना प्रेम, मन कहता भाई हो तो ऐसा.. !

*पुत्र हो तो इतना ही आज्ञाकारी... कि सिंहासन छोड़कर ,वन की ओर चल दें.. पिता के कह देने से...! 

*और पति हो तो ऐसा जो वियोग में बिलख बिलख कर रोये...एक पत्नीव्रत..!

*सबको अपने साथ लेकर चलने वाले, बडे छोटे, उच्च नीच का कोई भेद ही नही..! 

*केवट, वनवासी, वानर जाति, शबरी मां, ऋषि मुनि, सन्यासी, और समाज से वंचित अहिल्या मां, सबको मुख्य धारा में लाना, सहयोग करना और सहयोग पाना, जिस गली से गुजरते गये, वहीं एक आदर्श छोडते जाते. .!


उन्होने अपने हर रूप में आदर्श स्थापित किया.. मानव रूप में रहकर आदर्श जीवन.. यही सनातन का जीवन दर्शन है..। हर भारतीय अभी भी मन ही मन इन्ही आदर्शो को चाहता है.. भले ही व्यवाहरिक रूप से कलयुग में ये मिल नही पा रहा है.. लेकिन राम हर मन की चाहत हैं..। 


कुछ ओर संस्मरण हैं.. राम जी से जुड़े हुए.. ६दिसंबर १९९२ को हम होस्टल में थे.. पहली बार घर से बाहर गये थे.. सही से रास्ते का भी मालूम नही था.. होस्टल में टीवी नही था.. एक अखबार ही था.. जो कॉलेज में ही मिलता.. फोन तो थे ही नही.. फिर भी ये अफवाह जाने कहां से आयी कि ६ दिसम्बर को दंगा होगा और कर्फ्यू लग जायेगा.. तो सब एक साथ घर चलते हैं.. क्योंकि कॉलेज की छुट्टी नही है, सब एक साथ जायेंगें तो किसी का नुकसान ना होगा.. डांट पडेगी तो वो भी सबको, क्या फर्क पड़ेगा, हम सब सखियों की कईं मीटिंग हुई और देखते देखते पूरा होस्टल खाली.. खुशी खुशी घर पहुंचे और बोल दिया.. छुट्टी हो गयी.. घर जाये तीन दिन ही बीते थे कि डाकिया फ़रमान ले आया प्रधानाचार्य जी का, कि आपकी लड़कियां बिना किसी सूचना के कहीं चली गयी हैं, आप संज्ञान ले, और आठ दिसम्बर तक कालेज में रिपोर्ट करें.... अब शुरू हुई असली परीक्षा.. ।


पहले तो पिताजी की बहुत डांट पडी,और फिर पिता जी बोले बैग बांधो ,तुम्हें छोड़कर आते हैं.,

"लेकिन पापा अब तो रास्ते वाकई बंद हैं.". 

"बसें चल नही रही.. कैसे जायेंगें.. ?"

"कैसे भी.. ?"

चिट्ठी आई है कॉलेज से..! 

फिर क्या था, अगले दिन हमने अपने पिता के साथ सबसे कठिन और लम्बा सफर तय किया.. लम्बे रूट से गये और ट्रक में भी लिफ्ट ली.. पैदल भी चले..।


उसके बाद से लगातार जो विवाद सुर्खियों में है.. क्या खोया क्या पाया.. सभी जानते हैं..। भूमि पूजन सुकून लाया है... मंदिर बनना तो निश्चित हैं.. लेकिन हम सब राम जी को अपने जीवन में उतारकर ,जीवन जियें तो बात ही क्या.. तभी रामराज्य की परिकल्पना साकार है..। 


और भी बहुत अनुभव है.. राम नाम से जुड़े सबको लिखना संभव नही है.. लेकिन ये नाम बहुत ही अद्भुत है.. हरबार मैने पाया.. तारणहार है राम नाम का जाप..।।


🙏जय सिया राम 🙏


©Sonnu Lamba

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Sonnu Lamba

sonnulamba

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Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Moumita Bagchi · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत सुंदर पोस्ट सोनू जी। आपको पढ़ना काफी अच्छा लगता है।

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    मेरा अहोभाग्य, ममता जी... बहुत धन्यवाद आपका और इस पोस्ट में तो मन लिखा है... 🙏 @moumita ji

  • Shubhangani Sharma · 4 years ago last edited 4 years ago

    सच में आपने मन ही लिखा है। बहुत खूब...

  • Neha Srivastava · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत सुंदर💐💐👌

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत बहुत आभार शुभांगनी जी @shubhangani sharma

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thanks Neha ji

  • Ektakocharrelan · 4 years ago last edited 4 years ago

    Bhuat sunder

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    Thanks @ekta ji

  • ARCHANA ANAND · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत सुंदर लिखा है... जय श्री राम

  • Babita Kushwaha · 4 years ago last edited 4 years ago

    Bahut badiya

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