#world_water_day
धरती सूख रही है तेजी से..
पानी कम हो रहा है..
विज्ञान बताता है कि..
एक तिहाई पानी रहा है ...
धरती पर हमेशा...!
एक तिहाई पानी ही..
हमारे शरीर में होता है..
पानी की कमी बहुत ..
उपद्रव मचाती है..
कुछ अच्छा नही लगता..
सब नीरस और बुझा बुझा सा..।
संवेदनायें भी शुष्क हो रही हैं..
पानी के कम होने से...
द्रवित कोई हो तो हो कैसे..
तरल नही रहे हैं तन...
सरल नही रहे हैं मन....!
आंखो की नमी भी सूख गयी हैं...
सूनी आंखे कितनी अजनबी लगती है...
नमी के अभाव में सूख रहे हैं..
रिश्तो के पौधे ,फलने फूलने से पहले ही...!
और मुझे रहीम याद आ रहें हैं...बार बार..
जो कह कर गये थे....बहुत पहले ही..."
"रहिमन पानी राखिये ...बिन पानी सब सून..
पानी गये न उबरै ....मोती मानस चून..।"
फिर कैसे ....कैसै हम कह देते हैं कि
हमें तो पता ही नही था कि
पानी की कमी इतनी भयावह हो सकती है..।।
©Sonnu Lamba 🌸
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
correct 👍
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