प्रकृति से सीखिए..
कि हर रात के बाद ..
आती है सुबह..
बदलते है मौसम..
सभी...बारी बारी...
उमस के बाद ..
होती हैं बारिशे..
कुहासे में भी फैल जाती हैं ...
सूरज की किरणे...
छिपता है सूरज तो..
आते हैं चांद सितारे..
अंधेरा कभी घना नही होता..
देखना चाहो तो..
आंखे साथ देती ही हैं...
छोटा सा जुगनु भी कहता है..
घबराना कैसा..
थोडा सा खुद जलना है..
राहें साफ दिखेंगी ही..
दिन कभी एक से नही रहते...
वक्त बदला ही करते हैं......।।
Comments
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Outstanding
Thanks ji
Very true
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