Sonnu Lamba
01 Aug, 2020
जन्मदिन शुभ हो..!
सिर पर तेज धूप और तपती जमीन पर नंगे पैर चलने जैसा था, लेखन का सफर.... राह में एक दरख्त मिला, उसकी छांव घनी दिखती थी, मैने कुछ देर वहां सुस्ताने की सोची,जैसे ही मैं उसके नीचे चबूतरे पर जाकर बैठने वाली थी, तो मैने देखा कईं लेखक मित्र वहां बैठे है..। जैसे ही मैने ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए नजर उठायी तो देखा उस दरख़्त पर लिखा था 🍁पेपरविफ🍁
हां, यही नाम तो है, उस घने दरख्त का जिसकी छांव में लिखने और पढने वाले लोग, साल भर से खुशी खुशी बैठे हैं।
एक साल पूरा होने की कोटि कोटि शुभकामनाएं पेपरविफ.. 🌸
Paperwiff
by sonnulamba
01 Aug, 2020
पेपरविफ की पहली वर्षगांठ पर... मंगलकामनाएं🌺
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